पटना ब्यूरो (संजय कुमार मुनचुन) : सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपर गृह सचिव आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मीडिया को संबोधित किया। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में पुलिस मुख्यालय से ए.डी.जी जितेन्द्र कुमार एवं सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार भी जुड़े थे।
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अपर गृह सचिव आमिर सुबहानी ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन-3 के शुरु होने के साथ ही गृह विभाग ने अपने 3 मई के आदेश के प्रावधान को विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों एवं छात्रों के आने के मद्देनजर सख्ती जारी रहेगी। अपर गृह सचिव ने कहा कि बिहार में दो हीं जोन बनाया गया है रेड औऱ और औरेंज जोन।
रेड जोन में गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश की सारी शर्तें लागू रहेंगी,इसके साथ ही कांटेन्मेंट इलाके को छोड़कर रिहायशी इलाके की दुकानें खुली रहेंगी। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग,सामान एवं गाड़ियों के आवाजाही की छूट होगी। औरेंज जोन में ई- कामर्स, निर्माण कार्य,जरुरी उद्धोग, नाई, स्पा, सैलून के लिए छूट रहेगी। बिहार के बाहर से सड़क मार्ग से किसी व्यक्ति को लाने के लिए जिलाधिकारी से पास लेना होगा। जिलाधिकारी गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदंड के मुताबिक पास निर्गत करेंगे, जिसमें एक ड्राईवर के अलावा दो लोग ही सफर कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण के 525 मामले हैं, जिनमें 129 लोग स्वस्थ हो चुके हैं औऱ कुल 4 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जो भी श्रमिक, पर्यटक या छात्र बिहार के बाहर से ट्रेन से आ रहे हैं, उनकी पहले स्क्रीनिंग की जाती है, उनके बाद उन्हें बस से उनके गृह जिला भेज दिया जाता है। जिला के प्रखंड क्वारंटाईन सेंटर में उन्हें रखा जाता है, जहां स्वास्थ्य विभाग उनके स्वास्थ्य का स्क्रीनिंग करता है। अगर किन्हीं में भी कोरोना के कुछ भी लक्षण पाए जाते हैं तो स्वास्थ्य विभाग के क्वारंटाईन सेंटर में उनकी जाँच की जाती है।
अगर कोई जाँच में पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनका प्रोटोकाल के मुताबिक आईसोलेशन में रखकर ईलाज शुरु की जाती है, और जाँच में निगेटिव आता है तो वैसे लोगों को प्रखंड के क्वारंटाईन सेंटर में रखा जाता है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि बिहार के बाहर से जो नाबालिग आ रहे हैं, उनके लिए होम क्वारंटाईन की व्यवस्था है, लिकिन उन्हें एक सेल्फ डेक्लेयरेशन फार्म भरना पड़ेगा कि अगर उनमें कभी भी कोई लक्षण सामने आता है तो वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। अगर इसका अनुपालन नहीं किया गया तो वैसे लोगों के खिलाफ एपिडेमिक्स एक्ट के प्रावधान के मुताबिक पेनाल्टी लगेगा।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रखंड स्तरीय क्वारंटाईन सेंटर में सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। बिहार के बाहर से जो छात्र आ रहे हैं उन्हें होम कवरांटाइन में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रखंड स्तरीय कवारंटाइन सेंटर पर कपड़ा, साबून, तेल, मग, बाल्टी, एसओपी के मुताबिक तीन समय का भोजन, सुधा मिल्क पाउडर उपलब्ध कराए गए हैं।
प्रत्यय अमृत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी को निर्देश दिया है कि बिहार के बाहर से जो भी लोग क्वारंटाईन सेंटर में आ रहे हैं उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो। कवरंटाइन सेंटर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं, औऱ पूरी व्यवस्थी की निगरानी संबंधित जिला के जिलाधिकारी कर रहे हैं। बिहार में प्रखंड स्तर पर 2450 क्वारंटाईन सेंटर तैयार हैं। अभी 8968 लोग ऐसे क्वारेंटाईन सेंटर में रह रहे हैं। दूसरे राज्यों से आने वाले छात्र, श्रमिक एवं पर्यटकों के लिए संबंधित राज्यों से ट्रेन को लेकर लगातार संपर्क स्थापित किया जा रहा है। आज कोटा से 3 और केरल से 2 ट्रेन बिहार के लिए चल रही हैं। मंगलवार को 9 ट्रेन बिहार के अलग अलग स्थानों पर पहुंचेगी।