पीलीभीत (नाज़िम खान) : पीलीभीत 20 दिनों से चल रहे बाघ पकड़ने के अभियान को नए सिरे से शुरू किया जा रहा है अभी तक के अभियान में वन विभाग को कोई सफलता नही मिल पाई है वन विभाग ने आदमखोर को लोकेट करने के लिए थर्मोसेन्सर बेस्ड ड्रोन प्रयोग करने की तैयारी में है यह ड्रोन बाघ के शरीर के रेडियशन पर रात में भी बखूबी काम कर सकेगा। साथ ही वन विभाग ने आदमखोर को नर बाघ मानते हुए बाघ सम्भावित इलाकों में बाघिन की यूरिन का स्प्रे करवाने का भी प्लान तैयार किया है जिससे आदमखोर एक ही जगह रुक सके
पीलीभीत में आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए 20 दिनों के अपने अभियान में वन विभाग लाखों रुपया फूँक चुका है और नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। अब टाइगर रिज़र्व के बाघ पकड़ने वाले दल ने अपने अभियान को और भी ज्यादा हाइटेक कर दिया है।
वी.के.सिंह, वनसंरक्षक, बरेली मंडल पोस्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बाघ लोकेट करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस के दो सदस्य थर्मल ड्रोन कैमरों से बाघ की तलाश करेंगे। यह कैमरे रात के अंधेरे में भी बखूबी काम करने का दम रखते हैं। इन कैमरों की खास बात यह है कि यह बाघ के शरीर से निकलने वाले रेडिएशन को पकड़ सकता है। यह कम्पनी बाघ को लोकेट करने का कोई पैसा भी नहीं लेगी।साथ ही वन विभाग ने दमखोर को नर बाघ मानते हुए बाघ प्रभावित इलाके में मादा बाघिन की यूरिन स्प्रे करने की भी तैयारी कर रहा है। जिससे बाघ एक ही जगह रुका रहे और आसानी से ट्रंकुलाइज किया जा सके।