बीकेटी, लखनऊ (राज प्रताप सिंह) : बख्शी का तालाब के ग्राम पंचायत कठवारा में एतिहासिक दशहरा मेले में रावण वध का मंचन गाव के ही ब्यक्तियों द्वारा किया गया। इसमें दोनों सेनाओं ने एक-दूसरे पर अपने बाणों से प्रहार किया। कई बाणों के बाद भी जब रावण पर कोई असर नहीं हुआ, तब उसके भाई विभीषण ने राम को बताया कि रावण की नाभि में जब तक अमृत कुंड है तब तक रावण का वध संभव नहीं है। इसके बाद राम ने निशाना साध कर उसकी नाभी पर वार किया, जिसके बाद वह मौके पर गिर गया। उसके गिरने के बाद जब राम-रावण के पास पहुंचे तो रावण ने कहा कि मेरा राज्य तुमसे बड़ा है। उम्र में भी मैं तुमसे बड़ा हूं। ज्ञान भी मुझे तुम से कहीं अधिक है। मेरी लंका सोने की है, फिर भी मैं हार गया और तुम जीत गए, जानते हो ऐसा क्यो हुआ। क्योंकि तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ है मेरा भाई मुझसे अलग। इसीलिए अपने परिवार से कभी अलग नहीं होना चाहिए। रावण वध के बाद पुतले का दहन किया गया और रावण के अंत और उसके पुतले में आग लगते ही पूरा परिसर जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। आलम यह था कि जितनी भीड़ मेला मैदान में थी उससे ज्यादा सड़को व दुकानों पर थी। शाम होते ही जब रावण जलाया गया तो दूर-दराज से आए लोगों ने रावण की हड्डियां उठा कर ले जाने के लिए उतावले दिख।
करीब 21 वर्षों से इस दशहरा मेले का आयोजन स्थानीय लोगों के द्वारा आयोजित किया जा रहा है इस मेले पर रावण दहन की शुरुआत स्थानीय कठवारा निवासी शिवपूजन महाराज, अखिलेश सिंह चौहान(प्रधान कठवारा)रामकिशोर सिंह उर्फ बबलू,राजेश तिवारी एडवोकेट,पंडित नंदकिशोर शर्मा’डीएम महाराज’भागीरथ रावत’ धर्मेंद्र रावत’ के द्वारा प्रारंभ हुआ लेकिन रामलीला का मंचन ग्राम पंचायत कठवारा के ही व्यक्ति विद्यावारिधि बाजपेई के द्वारा ही तैयार की जाती है। मेला व्यवस्था मैं किसी भी प्रकार की कमी ना रहे इसलिए गांव के ही निवासी सूरज सिंह,सोनू सिंह,नितिन सिंह,संतोष सिंह,रणवीर सिंह,जसवीर सिंह रामकृपाल सिंह,व गांव के अनेक लोगों के सहयोग से किया जाता है।इस मेले में हजारों की तादाद में लोग नजदीकी गांव रमगढ़ा कोलवा,मल्लाहन खेड़ा, खेरवा,चंदन कुंड व कई नजदीकी गांव के लोग रावण दहन व रामलीला देखने आते हैं
65 वर्षीय नन्दलाल निभाते है रावण का किरदार
21 वर्षो से लगातार नन्दालाल (65)रावण का किरदार निभा रहे है नन्दलाल ने बताया की रावण का किरदार निभाना उनको बहुत ही अच्छा लगता है।