बिहारशरीफ। शहर के विभिन्न जगहों पर आज अक्षय नवमी के मौके पर आंवला वृक्ष की पूजा की गयी। बड़ी संख्या में महिलाओं ने आंवला वृक्ष के पास पहुंच कर पूजा अर्चना की। वैसे तो इस मास में स्नान का अपना ही महत्व होता है, लेकिन इस दिन स्नान करने से अक्षय प्राप्त होता है। हिंदू रीति रिवाज में इस दिन शादी-शुदा महिलाएं व्रत रखती हैं और कथा सुनती है। स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्न दान करने से हर मनोकामना पूरी होती है। अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का नियम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए इसकी पूजा को ऐसा माना जाता है कि मानो विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करना। इस दिन व्रत करने से शादीशुदा औरतों की सभी मनोकामना पूरी होती है। आंवला नवमी के दिन सुबह स्नान कर दाहिने हाथ में जल, चावल, फूल आदि लेकर निम्न प्रकार से व्रत का संकल्प किया। नवमी के दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर खाने का विशेष महत्व है।
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