लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह- एक तरफ योगी सरकार निकाय चुनाव को लेकर जी जान से जुटी हुई है।इस चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली बड़ी परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।लेकिन चुनाव से इतर एक बड़ी चुनौती सरकार के सामने खड़ी है।
दरअसल दिसंबर महीना आने को है और यूपी के करीब डेढ़ करोड़ स्कूली बच्चों को अब तक स्वेटर नहीं बांटे जा सके हैं।धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है लेकिन लाखों बच्चे अभी भी बिना स्वेटर के स्कूल जा रहे हैं।
ऐसी स्थिति तब है, जब जुलाई में ही सरकार ने स्वेटर बांटने को लेकर निर्णय ले लिया था।तीन महीने बीत जाने के बाद भी अब तक सरकारी फाइलें दौड़ ही रही हैं।
बता दें कि यूपी सरकार ने पिछली जुलाई को ही बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालों में बढ़ने वाले 1.53 बच्चों को मुफ्त में स्वेटर बांटने की घोषणा की थी।जानकारी के अनुसार स्वेटर बांटने में योगी सरकार को 260 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने होंगे।
उधर सरकार के इस फरमान पर अमल करते-करते दो महीने बीत गए और प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई. इस बीच अक्टूबर आ गया।पता चला कि फाइल में ये देरी वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति मिलने में हुई।
आखिरकार अक्टूबर के अंत में टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू हुई।लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने सवाल उठा दिए।दरअसल आचार संहिता के दौरान किसी भी टेंडर प्रक्रिया के लिए आयोग की अनुमति लेना आवश्यक है।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से आयोग से अनुमति के लिए गुजारिश की गई।पता चला है कि आयोग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू करने और स्वेटर खरीदने और बच्चों में बांटने के लिए अनुमति दे दी है।
अनुमति मिलने के बाद भी टेंडर प्रक्रिया पूरी होने और स्वेटर खरीदने व बांटने में ही काफी समय लगने की संभावना है. क्योंक इस साल विभाग को बच्चों की ड्रेस बांटने में ही करीब डेढ़ महीने का समय लग गया था।जाहिर है दिसंबर में सर्दी चरम पर होगी और सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि बच्चों को वह स्वेटर पहनाकर स्कूल पहुंचाए।
हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्वेटर बांटने में ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि प्रॉसेस शुरू हो चुका है।इसके अलावा विभाग ने इस बार स्वेटर खरीद को जिला स्तर पर किया जा रहा है। ताकि इसे बांटने में ज्यादा समय न लगे।