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उ०प्र० :: बिल नहीं चुकाने पर नेपाल के मरीज को बंधक बनाया

लखनऊ ब्यूरोर- राज प्रताप सिंह : –चिनहट स्थित केआरएम हॉस्पिटल में नेपाल के मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। तीमारदारों का आरोप है कि चार दिन के इलाज का ढाई लाख रुपए का बिल थमाया गया है स बिल चुका पाने में असमर्थता जताने पर अस्पताल के कर्मी लगातार धमका रहे हैं।

ढाई लाख दो तभी छोड़ेंगे मरीज को रू नेपाल के धनगढ़ी निवासी विनोद चौधरी 24 वर्ष पेशे से ड्राइवर हैं स चार दिसम्बर को सड़के हादसे में उसके गले की हड्डी में चोट आ गई स नेपाल के अस्पताल में इलाज कराया। इसके बाद उसे इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर कर दिया गया। इसी दौरान एम्बुलेंस के दलाल ने मरीज को चिनहट स्थित केआरएम हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया।

10 हजार में कराई एमआरआई रू मरीज के चाचा धन बहादुर का आरोप है कि 4 दिन से अस्पताल में विनोद का इलाज चल रहा हैए पर कोई फायदा नहीं हुआ। उसे अभी तक पूरी तरीके से होश भी नहीं आया है स इसके बावजूद लगातार पैसे वसूले जा रहे हैं। एमआरआई जांच के लिए 10 हजार रुपए जमा कराए गए स 700 का एक्सरे और 3 हजार रुपए में खून की जांच कराई गई। 4 दिन में 72,000 रुपये दवाओं का बिल थमा दिया।

नहीं दे रहे मरीज की तबीयत की जानकारी रू धन बहादुर का आरोप है कि डॉक्टर जांच और दवाएं तो खूब लिख रहे हैं लेकिन मरीज की तबीयत का हाल नहीं बता रहे हैं। हालात यह हैं कि अभी तक जांच व इलाज संबंधी एक भी दस्तावेज नहीं दिखाया गयाए ऐसे में कौन इलाज कर रहा हैघ् मरीज का इलाज की दिशा क्या हैए कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

मुफ्त इलाज का झांसा देकर लाया नेपाल से रू धन बहादुर के मुताबिक नेपाल से मरीज को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लाया गया था। एम्बुलेंस चालक ने कहा था कि मरीज का इलाज पूरी तरीके से निरूशुल्क होगा। दवा और जांच का पैसा भी बेहद मामूली लगेगाए लेकिन प्राइवेट अस्पताल में मरीज को भर्ती करा दिया। ढाई लाख रुपए अब कहां से लाएं।

अस्पताल के नेपाली कर्मचारी का खेल रू नेपाल से मरीजों की तस्करी का काला कारोबार चल रहा है। बताया गया है कि अस्पताल में नेपाल का एक कर्मचारी काम कर रहा है स उसकी तमाम एंबुलेंस संचालकों से पहचान है जो बेबस और गरीब मरीजों को बहला.फुसलाकर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा रहे हैं।

नहीं मिली शिकायत

मरीज को बंधक बनाए जाने की शिकायत नहीं मिली है। विदेशी मरीज को बंधक बनाना बेहद संगीन अपराध है। मामले की पूरी जांच कराई जाएगी। अस्पताल प्रशासन के खिलाफ ठोस कार्यवाही होगी।

.डॉण् पद्माकर सिंहए महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग

आरोप निराधार

मरीज का आरोप पूरी तरह से निराधार है। बीते 4 दिसंबर को उसे यहां भर्ती कराया गया है। इलाज के लिए सिर्फ दस हजार रुपए जमा किए गए हैंए जबकि कुल बिल 1 लाख 10 हजार रुपए का बना है। जिसे परिजन जमा नहीं कर रहे। फिर भी मरीज का उपचार किया जा रहा है।

.अमित कुमारए प्रबंधकए केआरएम हास्पिटल

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