Breaking News

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मे विजन 2030 को लेकर बैठक आयोजित।

दरभंगा :-  ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं व्यावसायिक प्रबंधन विभाग के सभागार में बुधवार को विजन 2030 को लेकर बैठक कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें विज्ञान संकाय के विभिन्न विषयों के एचओडी की ओर से अपने-अपने विभागों के स्थापना काल से आधारभूत संरचनाओं का जिक्र करते हुए विज़न 2030 के अंतर्गत भविष्य की योजनाओं पर पॉवर पॉइंट के माध्यम से विस्तृत प्रकाश डाला गया।

इस क्रम में विभागाध्यक्षों की ओर से सत्र 2013-14 से 2018-19 तक के विभागीय उपलब्धियों की भी चर्चा करते हुए 2020 से 2030 के बीच विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित कुल ग्यारह बिन्दुओं यथा नये कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव, रिसर्च प्रोजेक्ट, सेमिनार-सिम्पोजियम, छात्रों की प्लेसमेंट योजना, नेशनल व इंटर नेशनल कोलैबोरेशन सहित अपनी योजनाओं पर प्रकाश डाला।

वनिस्पति विज्ञान के अधीन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी एवम बायोइन्फरमेटिक्स में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के साथ हर्बल मेडिसिन एवम सीड पैथोलॉजी में पीजी डिप्लोमा कोर्स आरम्भ करने की योजना बनाई है। रसायन शास्त्र विभाग ने पर्यावरण एवम विश्लेष्ण विज्ञान को स्पेशल पेपर में जोड़ने के साथ बायोकेमिस्ट्री एवम हर्बल केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और मेडिसिनल केमिस्ट्री, ग्रीन केमिस्ट्री व फोरेंसिक साइंस में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की योजना बनाई है।

गणित विभाग एमसीए पाठ्यक्रम आरम्भ करेगी। वहीँ फिजिक्स विभाग ने एस्ट्रो फिजिक्स, स्पेस साइंस में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ मैटर भौतिकी एवम क्वांटम भौतिकी को स्पेशल पेपर में जोड़ने की योजना बनाई है। जंतु विज्ञानं विभाग की ओर से दिए गये प्रेजेंटेशन में एक्वा कल्चर एवम ह्यूमन हेल्थ एंड न्यूट्रिशन में पीजी डिप्लोमा कोर्स के साथ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी एवम बायो केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर कोर्स शुरू करने की योजना बनाई है।

कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने अपने संबोधन में प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल द्वारा इस दिशा में किये गये पहल की सराहना करते हुए कहा की किसी संस्था को शैक्षिक शिखर पर पहुँचने के लिए रोड मैप बनाना पड़ता है। इसी दिशा में पांच वर्षों के अन्तराल पर प्लानिंग करने का प्रयास जारी है।

इस प्रकार सभी विभागों से उपलब्ध विज़न 2030 के अभिलेखों को एकत्रित कर पुस्तक के रूप में बनाया जाएगा और इसके लिए एक टीम का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही योजनाओं को मूर्तरूप देने के लिए विवि की ओर से हर संभव उपाय किए जायेंगे। यह इस विश्वविद्यालय के साथ ही सूबे के अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी रोल मॉडल का काम करेगा।

विभागों की ओर से दिए गये प्रेजेंटेशन की सराहना करते हुए वीसी प्रो. सिंह ने कहा की इन प्रेजेंटेशनों में शिक्षकों की मेहनत, उनका विकासत्मक सोच व कार्य के प्रति समर्पण झलकता है। प्रेजेंटेशन के दौरान सामने आई कमियों को दूर करने के लिए विकास पदाधिकारी डॉ. केके साहू व प्रोवीसी ने कई आवश्यक सुझाव दिए।

कार्यक्रम का संचालन विकास पदाधिकारी डॉ. साहु ने किया। मौके पर प्रो. उपेन्द्र कुमार, प्रो. एके गुप्ता, प्रो. ब्रज मोहन झा, प्रो. योगानंद मिश्रा, प्रो. धीरेन्द्र नाथ मिश्र, प्रो. रतन कुमार चौधरी सहित विज्ञान विभाग के शिक्षक मौजूद थे।

Check Also

ओडिशा के नए CM मोहन माझी, वर्ष 2000 से अबतक क्योंझर सीट से विधायक

  डेस्क। मोहन चरण माझी ओडिशा के नये मुख्यमंत्री होंगे। वह ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री …

पकड़ौआ विवाह :: ज्वाइनिंग से पहले ही जवान को किडनैप कर करवा दिया ब्याह

डेस्क। बिहार का पकड़ौआ विवाह लोगों के बीच काफी मशहूर है। पकड़ौआ शादी का एक …

जंगल में लगी भीषण आग, वन संपदा को भारी नुकसान

    डॉ एस बी एस चौहान की रिपोर्ट चकरनगर/इटावा। थाना क्षेत्र भरेह के अचरौली …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *