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विशेष :: मानवता की मिसाल ‘आभा अनुपमा’, पड़ोसी देश की रहने वाली “स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत” में दे रही अहम योगदान

डेस्क : ” परहित सरिस धर्म नहीं भाई “ रामायण की यह पवित्र चौपाई आभा अनुपमा के जीवन और कार्य पर पूरी तरह चरितार्थ होती है। सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानने वाली आभा एक्टिव मीडिया प्रायवेट लिमिटेड की प्रेसिडेंट हैं और दर्जनों ऐसी संस्थाओं से जुड़ीं हैं जो मानव और मानवता के लिए काम करती हैं। 

आभा जी के मानवता को समर्पित कार्यो का लेखा जोखा काफी लंबा है। नेपाल में महिलाओं में लिए काफी मेडिकल कैम्प लगाए हैं जहां उनके स्वास्थ्य की जांच साथ ही वह कैसे स्वस्थ रहें इसके बारे में बताया जाता है। नेपाल में बाढ़ पीड़ितों के लिए आभाजी ने मोरंग और संसारी जिले में कैम्प लगाकर उन्हें सहायता प्रदान की साथ ही उनके पुनर्वसन में सहयोग किया। नेपाल के लगभग हर स्कूल और कॉलेजों में आपके द्वारा पर्सनाल्टी डेवलपमेंट की शिक्षा प्रदान करने का कार्यक्रम चलाया जाता है। ह्यूमन राइट्स फ़ॉर जस्टिस की फाउंडर आभाजी को समाजसेवा में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई बार पुरस्कारों से नवाजा गया है। मानवता के प्रति आपकी सेवाओं को देखते हुए महानगर मेल आपको सम्मानित और पुरस्कृत करते हुए आपसे आशा करता है कि आप अपने अनुभव का लाभ स्वस्थ भारत,स्वच्छ भारत मिशन को देंगी और इसके प्रचार प्रसार में अपना बहुमूल्य योगदान देंगी। 

एक प्रसिद्ध हस्ती होने के साथ-साथ आभा अनुपमा का व्यक्तित्व काफी शांत और प्रभावशाली है। उनके रक्त के कण कण में समाज सेवा बसा हुआ है। आभा अनुपमा को मिला संस्कार व बचपन से ही मिला स्वच्छ माहौल साथ ही उनके आदर्श व गुरू उनके पिता डॉ राजेंद्र विमल जो खुद समाज के प्रति समर्पित जिनके कारण बचपन से ही आभा अनुपमा गरीबों के कल्याण हेतु यथासंभव सहयोग करती रही।

कम उम्र में ही आभा अनुपमा ने नारी शिक्षा को लेकर एक कन्या पुस्तकालय भी खोलीं जो आसपास की बच्चियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। तब से लेकर आजतक समाज के लिए जो भी कर रही दिल से करती आ रही है।

आभा अनुपमा पड़ोसी देश की होकर भी मिथिला समेत पूरे भारत के लिए हर कदम पर ग़रीबों व लाचार महिलाओं के प्रति खुद को समर्पित कर आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता वे लोग होते हैं जो समाज में परिवर्तन की जरूरत महसूस करते हैं और इसके लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। ये वह जुनूनी लोग होते हैं जिनके पास सुनहरे भविष्य का विज़न होता है। कुछ लोगो में सामाजिक कार्यकर्ता के गुण स्वाभाविक रूप से पाए जाते हैं, जबकि बाकी लोग किसी दुखद या सुखद घटना या अनुभव के फलस्वरुप सामाजिक कार्य की तरफ मुड़ जाते हैं। आभा अनुपमा जैसे समाज सेविका ही जो यह मानते हैं कि उनमें परिवर्तन करने की क्षमता है, दुनिया में बदलाव लाते हैं।

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