डेस्क : आर्थिक आधार पर आरक्षण के बाद मोदी सरकार ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेला है। इसके तहत निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में भी अब आरक्षण लागू होगा। इसका लाभ आरक्षण के दायरे में आने वाले एससी-एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े सभी वर्गो को मिलेगा। अभी तक यह आरक्षण सिर्फ सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में ही लागू था। यह इसलिए भी अहम फैसला है क्योंकि इससे छात्रों के लिए न सिर्फ बड़ा द्वार खुलेगा बल्कि भविष्य में नौकरियों को लेकर भी अवसर बढ़ने की संभावना है।
एक सप्ताह के अंदर जारी होगा आदेश
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकारी संस्थानों के साथ निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने का यह फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद लिया गया है। इस संबंध में एक हफ्ते के भीतर आदेश जारी कर दिया जाएगा। साथ ही संसद को भी इसकी जानकारी दी जाएगी।
संसद को भी दी जाएगी जानकारी
हालांकि यह संशय का विषय है कि केवल आदेश जारी करने भर से निजी संस्थान आरक्षण देने के लिए तैयार हो जाएंगे? बहरहाल यह घोषणा राजनीतिक रूप से अहम है। सरकार की ओर से पहले ही संकेत दिया गया था कि आने वाले वक्त में कई राजनीतिक सिक्सर लगाए जाएंगे। यह भी उसी की हिस्सा माना जा सकता है।
2019-20 सत्र से होगा लागू
जावड़ेकर ने यह भी बताया कि सामान्य वर्ग को दिए गए 10 फीसद आरक्षण का लाभ भी उन्हें 2019-20 के शैक्षणिक सत्र से मिलने लगेगा। इस संबंध में जल्द ही देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही उन्हें अपने प्रॉस्टपेक्ट्स में भी इसकी जानकारी देने भी कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी संस्थानों में सीटों की संख्या बढ़ाए जाने का भी फैसला लिया है। इसके तहत यदि अभी तक किसी संस्थान में 100 सीटें थी, तो अब वहां बढ़कर 125 सीटें हो जाएंगी। संस्थानों को इस बढ़ोतरी के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए बजट में अतिरिक्त प्रावधान भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीटों में बढ़ोतरी का यह फैसला इसलिए किया गया है, ताकि 10 फीसद आरक्षण लागू होने के बाद किसी भी वर्ग को पहले से मिल रही सीटों पर कोई असर न पड़े।
मालूम हो कि देशभर में करीब 900 सरकारी विश्वविद्यालय और करीब 40 हजार सरकारी कॉलेज हैं। जबकि देश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 343, कॉलेजों की संख्या 25,383 और विशिष्ट संस्थानों की संख्या 6,700 है।
इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों को भी सातवें वेतन आयोग का लाभ
इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित देशभर के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत बढ़ा हुआ वेतन देने को मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसे लेकर 1,241 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए हैं। तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की यह मांग काफी समय से लंबित थी।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इसका सीधा लाभ सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले करीब 29,264 शिक्षकों को मिलेगा। इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के दायरे में आने वाले निजी संस्थानों के शिक्षकों को भी इसका अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। तकनीकी शिक्षण संस्थानों के गैर-शिक्षण कर्मियों को सरकार ने पहले ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने की मंजूरी दे दी है।