डेस्क : पॉलीथिन पर लगे बैन का कहीं कोई प्रभावी असर दिखाई नहीं दे रहा है। किराने की दुकानों, सब्जी बेचने वाले, ठेलों समेत अन्य जगहों पर धड़ल्ले से 40 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन प्रयोग की जा रही है। सख्त कार्रवाई का प्रावधान होने के बावजूद बैन का व्यापक प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है।
जी हाँ, पॉलीथिन प्रतिबंध के बाद दो महीने में ही शहर के कई स्थानों पर धड़ल्ले से दुकानदार पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं। शुरुआती दौर में प्रशासन की ओर से तत्परता दिखाने के बाद जो थोड़ी-बहुत जागरुकता दिखी थी, वह अब खत्म होने लगी है। जिला प्रशासन और नगर निगम के ढीला पड़ते ही दुकानदारों ने पॉलीथिन का पुराना स्टॉक निकाल लिया है।
जुर्माने के डर से जो लोग झोला लेकर बाजार जाने लगे थे, वे भी अब पॉलीथिन का इस्तेमाल फिर से शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही पॉलीथिन के विकल्पों की तलाश और प्रयोग भी थम गया है। डीएम कुमार रवि ने पॉलीथिन पर पूर्णरूप से रोक लगाने की व्यवस्था बनाई थी। सिटी टास्क फोर्स का गठन कर प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग को जब्त करने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रारंभिक दौर में पटना शहर की विभिन्न दुकानों, भोजशालाओं, सब्जीवालों तथा वाणिज्यिक दुकानों में औचक निरीक्षण किया गया। कुछेक जगह कार्रवाई भी हुई। लेकिन, एक सप्ताह से भी पहले यह अभियान ठप पड़ गया। लिहाजा कानून लागू किए जाने के शुरुआती दौर में निष्प्रभावी होने लगा है। कानून के अनुसार प्लास्टिक कैरी बैग में सामान खरीदकर ले जाने वाले भी दंड के भागी होंगे।
प्लास्टिक कैरी बैग के उत्पादन, वितरण, व्यवसाय, भंडारण और विक्रय करने पर पर दंड की व्यवस्था की गई है। वाणिज्यिक उपयोग करने वाले पर पहली बार 1500 रुपये, दूसरी बार 2500 रुपये तथा इसके बाद हर बार 3500 रुपये जुर्माना का प्रावधान है। घरेलू इस्तेमाल पर पहली बार 100 रुपये, दूसरी बार 200 रुपये तथा इसके बाद हर बार 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
- पॉलीथिन के इस्तेमाल और बिक्री पर पूर्णरूप से रोक है। किसी भी स्थिति में इसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। नगर निकाय अभियान चलायेगा तथा जुर्माना लगाएगा। इस संबंध में निर्देश देने जा रहे हैं। – जिलाधिकारी कुमार रवि,पटना
मल्टीलेयर पैंकेजिंग या प्लास्टिक शीट या ऐसी ही वस्तु या प्लास्टिक शीट से बने कवर बिना मार्क नहीं रहने पर पहली बार दो हजार रुपये, दूसरी बार तीन हजार रुपये तथा इसके बाद भी दोहराने पर हर बार पांच हजार रुपये जुर्माना की व्यवस्था है। प्लास्टिक अपशिष्ट को खुले में जलाने पर पहली बार दो हजार रुपये, दूसरी बार तीन हजार रुपये तथा इसके बाद प्रत्येक बार दोहराए जाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है।
सार्वजनिक स्थानों, पार्क, नाला, पुरातात्विक स्थलों तथा अन्य प्रतिबंधित स्थानों में प्लास्टिक अपशिष्ट फैलाने पर पहली बार एक हजार रुपये, दूसरी बार 1500 रुपये तथा इसके बाद प्रत्येक बार दुहराए जाने पर दो हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।