डेस्क : गश्ती दल में शामिल पुलिसकर्मी अगर ड्यूटी के दौरान फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते पकड़े गए तो अब उनकी खैर नहीं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पटना के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संजय कुमार ने इसके लिए एक निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर जांच के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी चैटिंग करते पकड़ा गया तो उसकी खैर नहीं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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उन्होंने कहा कि गश्ती के दौरान पुलिसकर्मियों के फेसबुक, मोबाइल गेम खेलते और चैटिंंग करने की जांच का जिम्मा पुलिस उपाधीक्षक को दिया गया है। पुलिस उपाधीक्षक गश्त पर निकले पुलिसकर्मियों पर नजर रखेंगे कि वे मोबाइल का तो उपयोग नहीं कर रहे हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अक्सर गश्त पर निकले पुलिसकमीर् अपने मोबाइल पर चैटिंग करते या खेल खेलने में व्यस्त रहते हैं और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते हैं। ऐसे में पुलिस को वह सफलता नहीं मिल पाती, जिसे मिलनी चाहिए थी।
आईजी ने स्पष्ट कहा है कि गश्ती दल को जांच के दौरान यदि किसी के पास प्रतिबंधित वस्तु मिले या फिर उसकी गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत हों तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस दौरान हालांकि पुलिसकर्मियों किसी बेकसूर को परेशान नहीं करने की नसीहत दी गई है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में इन दिनों पुलिस द्वारा ‘रोको-टोको अभियान’ चलाया जा रहा है, जिसके तहत सड़कों पर वाहनों की जांच की जा रही है। यह अभियान पुलिस अधीक्षक एवं उपाधीक्षक के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।
‘रोको-टोको अभियान’ के दौरान पुलिस किसी भी संदिग्ध वाहन को रोकती है और उस पर सवार लोगों से सम्मानपूर्वक बात कर जानकारी प्राप्त करती है। गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस प्रशासन को अपेक्षा है कि कोई भी व्यक्ति पुलिस का सहयोग करेगा और मदद करेगा। यह अभियान सभी की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर शुरू किया गया है। रोको-टोको अभियान का मुख्य उद्देश्य निगरानी है।