झंझारपुर मधुबनी : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ जमाल रोड पटना के आह्वान पर विगत 25 फरवरी से जिले के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षक समान काम समान वेतन के मुद्दे पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं । सरकार द्वारा हड़ताली शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई से माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों में आक्रोश है । बिना स्पष्टीकरण पूछे निलंबन और प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई को शिक्षक गैर कानूनी बता रहे हैं । बताते चलें कि नगर पंचायत नियोजन इकाई झंझारपुर द्वारा इंटर की कॉपी जांच में योगदान नहीं करने वाले शिक्षकों पर नियमों की अनदेखी करते हुए सीधे कार्रवाई कर दी गयी है।माध्यमिक शिक्षक संघ के अनुमंडल सचिव सुजीत कुमार ने कहा है कि हड़ताली शिक्षकों पर निलंबन एवं प्राथमिकी की कार्रवाई गैरकानूनी है । बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के अनुसार बिना स्पष्टीकरण के किसी सरकारी कर्मी पर निलंबन एवं प्राथमिकी की कार्रवाई नहीं की जा सकती । बिहार शिक्षा संहिता के नियम 868 के अनुसार लिखित रूप से स्पष्टीकरण पूछने के बाद ही सरकारी कर्मी पर निलंबन या प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है । उन्होंने बताया कि बिहार सरकारी सेवक अचार संहिता 1976 की कंडिका आठ के अनुसार सरकारी सेवक को हड़ताल और प्रदर्शन का अधिकार है ।
नियोजन नियमावली के विरुद्ध जाकर की गयी कारवाई के संबंध में अनुमंडल सचिव श्री कुमार का कहना है कि बिहार जिला परिषद एवं नगर निकाय माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन नियमावली- 2012 में भी स्पष्ट प्रावधान है, कि किसी कार्रवाई से पूर्व नियोजित शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा । स्पष्टीकरण प्राप्त होने पर उसकी जांच की जाएगी, इसके बाद नियोजन समिति के अध्यक्ष की सहमति से शिक्षक को निलंबित किया जा सकेगा । नगर नियोजन इकाई समिति के सचिव कार्यपालक पदाधिकारी ने समिति के बिना अनुमोदन के ही शिक्षकों को निलंबित करने का सीधे आदेश जारी कर दिया है । शिक्षक इसे गैर कानूनी बता रहे हैं। इससे शिक्षकों में आक्रोश का माहौल है । वे इसे गैरकानूनी बता रहे हैं । नियमावली के अधीन प्रक्रिया के तहत कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर शिक्षकों की ओर से आदेश वापस लेने की मांग उठ रही है ।