एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम देश को एनीमिया से मुक्त करने की राह पर
• 6 आयु वर्ग के लोगों को मिलेगी एनीमिया से मुक्ति
• एनीमिया में प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की कमी करने का रखा गया है लक्ष्य
• हर महीने औसत 52.32 लाख स्कूल से बाहर लड़कियों को आईएफए नीली गोलियां दी गयी
• हर महीने औसत 1.58 करोड़ बच्चों को आईएफए सीरप दिया गया
• हर महीने स्कूल में औसत 4 करोड़ बच्चों को नीली गोलियां की जा रही प्रदान
मधुबनी : एनीमिया एक गंभीर लोक स्वास्थ्य समस्या है. इससे जहाँ शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध होता है. वहीँ किशोरियों एवं माताओं में कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय पोषण अभियान के अंतर्गत ‘ अनीमिया मुक्त भारत’ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. देश के सभी राज्यों में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत 6 विभिन्न आयु वर्ग के समूहों को चिन्हित कर उन्हें एनीमिया से मुक्त करने की पहल की गयी है.
- पुलिस दंपती सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा और रीना पाण्डेय ‘हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव’ में हुए सम्मानित
- पल्स पोलियो अभियान 21 तक, एक भी बच्चा छूटे नहीं – सिविल सर्जन दरभंगा
- दरभंगा AIIMS भूमि अधिग्रहण मामले में नहीं दिया नोटिस, मुआवजा भी नहीं मिला
- शोभन बाईपास में एम्स निर्माण सीएम नीतीश की दुरगामी सोच – राजेश्वर राणा
- इंस्पिरेशन इम्पैक्ट अवार्ड से सम्मानित हुए एसआई अनूप मिश्रा अपूर्व
एनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य:
इस अभियान के तहत 6 विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं को लक्षित किया गया है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के लोगों को एनीमिया जैसे गंभीर रोगों से बचाव करना है. साथ ही इस कार्यक्रम के तहत एनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य भी रखा गया है. इसके लिए सरकार द्वारा 6X6X6 की रणनीति के तहत 6 आयुवर्ग, 6 प्रयास एवं 6 संस्थागत व्यवस्था की गयी है. यह रणनीति आपूर्ति श्रृंखला , मांग पैदा करने और मजबूत निगरानी पर केंद्रित है.
इन 6 आयु वर्ग के लोगों को किया गया है लक्षित:
• एएमबी की रणनीति के तहत लोगों के छह आयुवर्ग हैं:
• शिशु (6-59 महीने)
• बच्चे (5-9 वर्ष)
• किशोरियां और किशोर (10-19 वर्ष)
• गर्भवती महिलाएं
• स्तनपान कराने वाली महिलाएं
• प्रजनन आयुवर्ग की महिलाएं (डब्ल्यूआरए) (15-49 वर्ष)
अब तक की प्रगति (अप्रैल-दिसंबर, 2019-एचएमआईएस आंकड़े 21 फरवरी 2020 तक) :
• आयु 10-19 वर्ष (स्कूल से बाहर लड़कियों) के 4.70 करोड़ बच्चों को आईएफए नीली गोलियां दी गईं। (हर महीने औसत 52.32 लाख स्कूल से बाहर लड़कियों को आईएफए नीली गोलियां दी गईं)
• 1.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 95.18 लाख( स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 180 आईएफए लाल गोलियां दी गईं। (हर महीने औसत 22.10 लाख गर्भवती महिलाओं और 10.57 लाख स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आईएफए लाल गोलियां दी गईं)
• 6-59 माह के आयु वर्ग के 14.26 करोड़ बच्चों को आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) सीरप प्रदान किया गया (हर महीने औसत 1.58 करोड़ बच्चों को आईएफ सीरप दिया गया)
• आयुवर्ग 5-9 वर्ष (स्कूल( में) के 21.29 करोड़ बच्चों को गुलाबी गोली प्रदान की गई। (हर महीने औसत 2.36 करोड़ स्कूल के अंदर बच्चों को गुलाबी गोली दी गई)
• 5-9 वर्ष (स्कूल से बाहर) के 1.98 करोड़ बच्चों को गुलाबी गोलियां प्रदान की गईं। (हर महीने औसत 22.06 लाख स्कूली बच्चों को गुलाबी गोलियां दी गईं)
• आयु वर्ग 10-19 वर्ष के 36.06 करोड़ बच्चों (स्कूल में) को आईएफए नीली गोलियां दी गईं। (हर महीने स्कूल में औसत 4 करोड़ बच्चों को नीली गोलियां दी जाती हैं)