सरकारी दफ्तरों में बिजली को कैसे बर्बाद होने से बचाया जाए इस पर चर्चाएं तो कई बार होती रही है, लेकिन कई बार इसे लेकर कोई स्टेप नहीं लिया जाता है. लेकिन इसके ठीक उलट गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर ने बिजली बरबादी को लेकर सख्त हैं. वे दफ्तर में बिजली की बर्बादी होने पर संबंधित अधिकारियों पर दंड लगा रहे हैं.
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इस पहल में पहले सभी सरकारी कार्यालयों पर अचानक छापेमारी की जाती है और फिर गलत पाए जाने पर दंड लगाया जाता है. दफ्तर में कर्मचारी या अधिकारी ना होने पर यदि बिजली का दुरुपयोग पाया गया तो उनके खिलाफ अर्थदंड लगाकर सख्त कार्यवाई की जा रही है.
इस नियम को डीएम अजय शंकर पांडे ने खुद पर भी सख्ती के साथ लागू किया है. जब वह अपने दफ्तर में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पंखा पहले से ही चला रहा है और रूम की लाइट भी ऑन है. लेकिन वहां कोई भी मौजूद नहीं है. जब उन्होंने इस बारे में मौजूद कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि आधे घंटे पहले ही पंखा चलाया गया है. इसके बाद डीएम ने आधे घंटे तक लाइट, पंखा और एसी नहीं चलाया या क्योंकि आधे घंटे से बिजली बर्बाद हो रही थी. वे बिना फैन और एसी के ही अपने कार्यालय में काम करते रहे. उन्होंने यह नियम अपने कार्यालय पर भी लागू कर रखा है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति अपने कार्यालय से जाएगा तो उसे हर हाल में बिजली के स्विच ऑफ करने होंगे. नहीं तो जो भी व्यक्ति इसमें दोषी पाए जाएंगे उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.