डेस्क : नवंबर 2018 में संस्थापिका सुनीता दास द्वारा किया गया। कर्ण समाज के महिलाओं को एक सूत्र में बांधने के उद्देश्य से खोला गया यह समूह लगभग 8000 महिलाओं को अपने कर्ण माला में पिरो चुका है।
- पत्रकार के साथ लहेरियासराय थाना की पुलिस ने किया दुर्व्यवहार, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई का दिया आदेश
- Meet one of Bihar’s youngest entrepreneur RAJESHWAR RANA
- लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों को संरक्षण दे रहा है केंद्र सरकार – डॉ मुन्ना खान
- मिथिला के चाणक्य होटल मैनेजमेंट कॉलेज को मिला ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ होटल मैनेजमेंट कॉलेज 2024’ का सम्मान
- कई सीनियर IAS अधिकारियों का तबादला, यहां देखें पूरी लिस्ट…
इसके प्राथमिक उद्देश्य : समस्त कर्ण कायस्थ महिलाओं के मध्य एकता एवं सहयोगीता की भावना विकसित करना,अपने संस्कृति एवं भाषा को बचाना, महिलाओं में प्रतिभा एवं हुनर की तलाश करना एवं सामाजिक पटल पर रखना,सामाजिक मदद के लिए तैयार करना,सामाजिक आवश्यकता की जानकारी प्राप्त करना एवं पूर्ति की कोशिश करना,सभी महिलाओं को सामाजिक कार्य में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करना,आपसी समझदारी बढ़ाने एवं विभिन्न समस्याओं पर परिचर्चा हेतु क्षेत्रानुसार मिलन समारोह का आयोजन करना,अपनी अपनी जानकारी इस मंच पर साझा करना,समाज कल्याण संस्थाओं से समन्वय बनाना आदि हैं।
इसमें सदस्यों की दिलचस्पी एवं बढ़ते आकार को देखते हुए अविवाहित बच्चियों ने भी अपने लिए एक अलग ग्रुप की मांग की। उनके भारी मांग के चलते संस्थापिका ने एक अलग समूह कर्ण गोष्ठी महिला (नव पीढ़ी) का निर्माण किया जिसमें करीब 600 बच्चियों ने समूह को ज्वाइन किया है । इसके उद्देश्यों में अपने उत्कृष्ट मैथिल संस्कार, समृद्ध सनातन संस्कृति,गौरवमय परंपरा को अभिसिंचित एवं सुपोषित करना तथा सामाजिक,नैतिक मूल्य ज्ञान उपलब्ध कराना है। इस ग्रुप में वरिष्ठ महिलाएं समय समय पर लाइव आकर ज्ञानप्रद एवं चिकित्सा से संबंधित तथा अपने संस्कृति,परंपरा की जानकारी देती हैं।
इस ग्रुप की वर्तमान में 46क्षेत्रीय ग्रुप है जो भारत एवं विदेशों में है। हरेक क्षेत्र में अलग अलग एडमिन एवं सहायक एडमिन हैं जो समय समय पर सदस्यों के साथ सामाजिक कार्यों में भाग लेती हैं। इस ग्रुप के द्वारा विगत दिनों में बहुत सारे सामाजिक कार्य हुए।
जैसे अनाथ आश्रम में सहायता, पठन पाठन सामग्री वितरण,मेधावी बच्चियों को सम्मानित करना, बाढ़ राहत में मेडिकल कैंप लगाना, प्रभावित इलाके में जाकर राहत सामग्री का वितरण करना,रक्तदान शिविर का आयोजन,वृद्धाश्रम में जाकर जन्मदिन एवं वैवाहिक वर्षगांठ मनाना,कोरॉना काल में भोजन वितरण में सहयोग आदि । यह समूह मनोरंजक कार्यक्रमों के अलावा अपने समूह के महिलाओं के स्वरोजगार की भी व्यवस्था करती है।स्वरोजगार मंच पर समूह की महिलाएं अपने प्रतिभा के प्रदर्शन के साथ ही अपने सामानो की प्रदर्शनी भी करती है । जहां से विपणन भी होता है।महिला आत्मनिर्भरता की ओर यह एक सराहनीय पहल है।
सामाजिक आवश्यकता को देखते हुए समूह ने वर वधू खोजने में सहायता के लिए “पाणिग्रहण” समूह की भी स्थापना की है। कल 1 नवंबर को सारे भारत एवं नेपाल में सदस्यों द्वारा स्थापना दिवस मनाया गया। संस्थापिका श्री मती सुनीता दास ने कोलकाता के बेलूर के लाल बाबा आश्रम में बिंदु दास समेत सभी सदस्यों के साथ भंडारे का आयोजन किया। चित्रगुप्त भगवान के वंदना के बाद मास्क,सेनिटाइजर, टूथ ब्रश,पेस्ट,साबुन,मिठाई एवं केक आदि भी वितरण किया गया। आश्रम में राशन भी प्रदान किया गया।