सौरभ शेखर श्रीवास्तव की ब्यूरो रिपोर्ट : दरभंगा समाहरणालय अवस्थित अम्बेडकर सभागार में राकेश कुमार सिंह, संयुक्त सचिव के नेतृत्व में 06 सदस्यीय केन्द्रीय टीम जिसमें एम. रामचन्द्रडू, अपर सचिव, दिपेन्द्र कुमार, निदेशक, (पब्लिक फाईनेंस स्टेट), संजीव कुमार सुमन, निदेशक, डॉ. मान सिंह, निदेशक, शैलेश कुमार, उप सचिव शामिल थे। बैठक में प्रदीप कुमार लाल, अधीक्षण अभियंता भी शामिल थे।
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बैठक में सर्वप्रथम जिलाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने दरभंगा जिले की भौगलिक स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि दरभंगा जिले के कई प्रखण्ड यथा – केवटी एवं बहादुरपुर अधवाड़ा समूह से, बेनीपुर एवं हायाघाट बागमती से एवं कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर एवं गौड़ाबौराम कमला-बलान नदी में आये पानी के कारण बाढ़ प्रभावित रहा। इसके 130 पंचायत के 7.64 लाख जनसंख्या बाढ़ प्रभावित रहा। एन.डी.आर.एफ. टीम के द्वारा लगातार राहत/बचाव कार्य किया जाता रहा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 410 नाव प्रशासन के स्तर से चलवाये गये, 290 सामुदायिक किचन 06 जुलाई से चलाया गया। अभी भी 75 सामुदायिक किचन चलाये जा रहे है, जिसमें 83 हजार लोग भोजन कर रहे है। कुल 02 हजार सूखा राशन का पैकेट वैसे क्षेत्रों में वितरण किया गया है, जहाँ पहुँचना मुश्किल था। बाढ़ से पूर्णतः 02 लाख 67 हजार 568 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं। जिनमें से 02 लाख 06 हजार को जी.आर. की राशि 06-06 हजार रूपये की दर से प्रदान किया जा चुका है। बाढ़ के दौरान सर्पदंश से 02 लोगों की मृत्यु हुई, जिन्हें 04-04 लाख रूपये प्रदान किये जा चुके हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 356 स्वास्थ्य केन्द्र चलाये गये हैं। 03 हजार 459 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया।
नाव के माध्यम से स्वास्थ्य कैम्प तथा टीकाकरण केन्द्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में चलाये गये। पशुओं के लिए 92 स्थलों पर शिविर चलाया गया, जहाँ 12 हजार 274 पशुओं को रखा गया। 1201 क्विंटल पशुचारा का वितरण किया गया, 1056 पशु प्रभावित हुए, जिनका ईलाज किया गया। बाढ़ के दौरान 06 पशुओं की मृत्यु हुई। पी.एच.ई.डी. के द्वारा 35 नये चापाकल लगाये गये, 157 चापाकलों की मरम्मति करायी गयी, 196 चापाकलों को संक्रमण रहित किया गया और 24 अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया गया। जिले में पथ निर्माण विभाग के 45 सड़के क्षतिग्रस्त हुई है, जिनमें से 40 को मोटरेबुल बनाया गया है। इनमें 2.66 करोड़ रूपये व्यय हुए। ग्रामीण कार्य विभाग के 306 सड़के 98 किलोमीटर में क्षतिग्रस्त हुई है, जिनपर 46 करोड़ रूपये व्यय होंगे। जल संसाधन विभाग द्वारा 63 स्थलों पर जल रिसाव की मरम्मति करायी गयी है तथा बाढ़ निरोधात्मक कार्य कराया गया है, जिस पर 57 करोड़ रूपये व्यय होंगे। बिजली विभाग के 115 ट्रान्सफर्मर प्रभावित हुए है। कृषि क्षेत्र में 26 हजार 940 एकड़ में फसल क्षति हुई है। वास्तविक फसल क्षति बाढ़ समाप्त होने के बाद ही आकलन किया जा सकेगा। 01 रिलिफ कैम्प चलाया जा रहा है, जिनमें 90 व्यक्ति रह रहे है।
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने जिले की भौगलिक स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि बागमती नदी से ओराई, कटरा एवं गायघाट, गंडक नदी से साहेबगंज, पारू एवं सरैया तथा बूढ़ी गंडक से जिले के लगभग सभी प्रखण्ड प्रभावित रहे है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मई में 05 गुणा तथा जून, जुलाई एवं अगस्त में 02 गुणा बारिश हुई है। जिसके कारण मुजफ्फरपुर के 12 प्रखण्ड के 138 पंचायत जिनमें 21 पंचायत पूर्णतः एवं 117 पंचायत अंशतः प्रभावित रहें। कुल 822 वार्डों के 04 लाख 40 हजार 274 जनसंख्या प्रभावित रहा। सबसे ज्यादा मीनापुर एवं सकरा प्रखण्ड प्रभावित रहा। सकरा, मीनपुर एवं बोचहां प्रखण्ड के अनेक पंचायत अभी भी बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ के कारण 205 झोपड़ी, 102 पशु शेड क्षतिग्रस्त हुए, बाढ़ के दौरान गहरे पानी में नहाने, मछली मारने तथा डूबने से 95 लोगों की मृत्यु हो गयी। 47.59 प्रतिशत् फसल क्षति हुई। जिले के 59 हजार 501 हेक्टेयर का फसल प्रभावित हुआ। जिले के 463 सड़के क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें से 209 की मरम्मति करायी गयी तथा 31 में कार्य प्रगति पर है। 223 सड़कों पर पानी लगा हुआ है। पथ निर्माण विभाग-1 के 16 तथा पथ निर्माण विभाग-2 के 16 रोड प्रभावित हुए हैं। विद्युत विभाग को 29 लाख रूपये की क्षति हुई है। 95026 जनसंख्या निष्क्रमित हुई है, सरकारी स्तर पर 356 नाव का संचालन करवाया गया है, 197 सामुदायिक रसोई में 20 लाख लोगों को भोजन कराया गया है, बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच 66 हजार 643 पॉलिथिन शीट्स का वितरण करवाया गया है, 09 स्वास्थ्य केन्द्र चलवाये गये है। जिनमें 19 हजार 283 लोगों का ईलाज किया गया है। 98 हजार 383 ओ.आर.एस. पैकेट्स, 64 हजार 724 हैलोजन टेबलेट का वितरण कराया गया है, 05 हजार 284 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया है। पशुओं के लिए 39 पशु चिकित्सा दल कार्यरत थे, जिनके द्वारा 10 हजार 933 पशुओं की चिकित्सा की गयी। कुल 12 हजार 265 पशु प्रभावित रहें, 02 पशु की मृत्यु हुई। 69 नये चापाकल लगवाये गये, 09 टैंकर एवं 02 जल दूत चलाया गया, 217 स्थलों पर अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया गया, 93 हजार 508 परिवार बाढ़ प्रभावित हुए, जिनमें से 83 हजार 576 परिवारों को जी.आर. की राशि उपलब्ध करायी जा चुकी है, 39 स्थलों पर अभी भी सामुदायिक किचन चल रहा है।
समस्तीपुर के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि समस्तीपुर जिला में 03 चरण में बाढ़ आयी। बागमती, बूढ़ी गंडक एवं कलेर नदी क्षेत्र में 07 जुलाई से 01 अगस्त के बीच बाढ़ आयी, जिससे 50 गाँव के 70 हजार 867 लोग प्रभावित रहें, गंगा नदी क्षेत्र में 12 अगस्त से 29 अगस्त के बीच बाढ़ रही, जिससे 108 गाँव के 03 लाख 29 हजार 740 लोग प्रभावित रहें तथा 27 अगस्त से नून एवं बाया नदी क्षेत्र में बाढ़ आयी, जिससे 15 गाँव के 05 हजार 960 लोग प्रभावित रहें। इस प्रकार कुल – 04 लाख 06 हजार 567 लोग बाढ़ प्रभावित रहें, 08 हजार 218 जानवर प्रभावित हुए, 896 कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हुआ, 630 पशु शेड क्षतिग्रस्त हुए, 01 लाख 40 हजार हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुआ, ग्रामीण कार्य विभाग के 215 एवं पथ निर्माण विभाग के 40 सड़के बाढ़ प्रभावित हुई, 243 नाव चलवाये गये, 154 सामुदायिक किचन चलवाये गये, अभी भी 17 सामुदायिक किचन चल रहे है, 03 बाढ़ राहत शिविर चलवाये गये, 21 पशु कैम्प में 08 हजार 218 पशु रखे गये, 721 क्विंटल पशुचारा का वितरण कराया गया, 1925 पशुओं का ईलाज कराया गया। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर एक बड़ा दुग्ध उत्पादन केन्द्र है और प्रतिदिन 03 लाख लीटर दुध का संग्रहण किया जाता है। बाढ़ के कारण पशुपालकों को काफी नुकसान हुआ है। आज की तिथि में यह प्रतिदिन 01 लाख 60 हजार लीटर ही दुध का संग्रहण किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कुल 26 स्वास्थ्य केन्द्र चलाये गये, 3796 लोगों का ईलाज हुआ, कैम्प में 1974 लोगों का टीकाकरण किया गया, 170 चापाकल लगवाये गये, 349 अस्थायी शौचालय का निर्माण करवाया गया, 93 हजार 787 परिवार बाढ़ प्रभावित रहें, जिनके बीच 55 करोड़ 67 लाख रूपये का जी.आर. वितरण किया जाना है, 35 हजार 955 के बीच जी.आर. का वितरण करा दिया गया है।
इस बैठक में तीनों जिले के संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
बता दें कि बैठक के पूर्व 6 सदस्यीय केंद्रीय टीम द्वारा मुजफ्फरपुर दरभंगा एवं समस्तीपुर तीनों जिले का हवाई सर्वे कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया गया।