-देसी शराब बनाने वाली यूपी की डिस्टलरियों की मनमानी खत्म करने को सरकार ने उठाया कदम
लखनऊ ब्यूरो ( राज प्रताप सिंह ) : उत्तर प्रदेश के शौकीनों को अब हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखण्ड आदि राज्यों की भी देसी शराब पीने को मिलेगी। प्रदेश सरकार ने मौजूदा आबकारी नीति में इस बाबत आंशिक बदलाव किया है। इस बदलाव की वजह से अब दूसरे राज्यों की देसी शराब भी यूपी की लाइसेंसी दुकानों से बिक सकेगी। यह जानकारी प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर.भूसरेड्डी ने दी है। उन्होंने बताया कि देसी शराब की आपूर्ति और उत्पादन में कारोबारी प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए यह फैसला किया गया है।
इसके साथ देसी शराब के दाम को नियंत्रित करते हुए ज्यादा से ज्यादा राजस्व प्राप्त करने के लिए बाहर की देशी शराब बनाने वाली डिस्टलरियों द्वारा प्रदेश में देसी शराब की आपूर्ति के लिए आने वाले आवेदनों पर विचार किया जाएगा। इन आवेदनों पर नियमों व मानकों के आधार पर जल्द फैसला होगा।दअरसल, इस निर्णय के पीछे उत्तर प्रदेश की देसी शराब बनाने वाली डिस्टलरियों का वर्चस्व तोड़ने की रणनीति है। पिछले दिनों देसी शराब बनाने के लिए नियंत्रित शीरे की आपूर्ति को लेकर प्रदेश की डिस्टलरियों और चीनी मिल संचालकों की एक बैठक प्रमुख सचिव आबकारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में देसी शराब बनाने वाली डिस्टलरियां पहले की ही तरह अपनी शर्तों पर शीरा आपूर्ति के लिए अड़ी हुई थीं।
इन डिस्टलरियों के अड़ियल रवैये को सरकार ने गंभीरता से लिया है। शीरे को मनमाने दाम पर उठाती हैं डिस्टलरियांअभी तक प्रदेश में देसी शराब बनाने वाली डिस्टलरिया राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले नियंत्रित शीरे को मर्जी के दामों पर उठाती रही हैं। शीरे के दाम अब बहुत बढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पेट्रोल में एथानाल मिलाने पर जोर दे रहे है। एथानाल बनाने में भी शीरे की काफी खपत होती है। दूसरे राज्यों में भी शीरे की मांग बढ़ गई है, जिसकी वजह से चीनी मिलों को दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। प्रदेश सरकार अब देसी शराब बनाने के लिए यहां की डिस्टलरियों को नियंत्रित शीरा देने की मजबूरी हमेशा नहीं ओढ़े रहना चाहती है।