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नशे से बचें :: साइलेंट किलर है सिगरेट, हर फ्रिक को धुएं में उड़ाने वालों….जरा संभलिए !

डेस्क : सिगरेट या बीड़ी का धुआं किसी मजहब और प्रांत को नहीं पहचानता, किसी रिजर्वेशन या राजनीतिक झुकावों को नहीं जानता। उसका सबके लिए एक ही मेसेज है, और वह है मौत। किन्तु दुर्भाग्यवश इस गलत आदत को स्टेटस सिंबल मानकर अक्सर नवयुवक अपनाते हैं और दूसरों के सामने दिखाते हैं। धूम्रपान दरअसल एक लत है जिससे जब तक व्यक्ति दूर रहता है तब तक तो वह ठीक रहता है लेकिन एक बार यदि इसे प्रारम्भ कर दिया जाए तो इंसान को इस नशे में मज़ा आने लगता है। कुछ कहने-सुनने से पहले यह जान लें की धूम्रपान हर दृष्टि से हानिकारक है। 

 

सिगरेट पीने से पहले सोचने को मजबुर करने वाली खास जानकारी, जो जानना आपको है जरूरी

  •  12 तरह के कैंसर हो सकते हैं  
    धूम्रपान से 12 तरह के कैंसर हो सकते हैं। मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, लेरिंगक्स कैंसर, इसाफगस (भोजन नली का कैंसर), ग्रीवा का कैंसर, किडनी, लीवर, ब्लाडर, यकृत, पेट, गुदाद्वार, ल्यूकेमिया। इतने तरह के कैंसर धूम्रपान से हो सकते हैं।  इनमें सबसे खतरनाक है लंग कैंसर यानी फेफड़े का कैंसर। दुनिया में जितनी भी मौतें कैंसर से होती हैं उनमें सबसे अधिक लंग कैंसर ही जिम्मेदार होता है।
  •  ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है
    लगातार धूम्रपान करने से ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है। धू्म्रपान और स्वास्थ्य पर पड़नेवाले असर पर शोध करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप धूम्रपान करते हैं तो आपको ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना 2 से 4 गुना तक बढ़ जाती है। ब्रेन स्ट्रोक से ब्रेन डैमेज हो सकता है। ऐसे में मरीज का बचना मुश्किल होता है।  डॉक्टरों का कहना है कि धू्म्रपान से मस्तिष्क को खून की सप्लाई करनेवाली नलियां कमजोर हो जाती हैं।
  • फेफड़े की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं  
    धूम्रपान से फेफड़ा की कई गंभीर हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि धूम्रपान से जो अंग सबसे अधिक प्रभावित होता है उसमें सबसे अधिक हमारा फेफड़ा ही होता है। धूम्रपान फेफड़े के भीतर एयरवेज या एयरसैक कहते हैं उसे डैमेज कर देता है। सबसे खतरनाक है सीओपीडी यानी क्रानिक ऑब्सट्रक्टिव पलमनेरी डिजीज। सीने में घरघराहट, सांसें फूलना, छाती सिकुडज़ना आदि इसके लक्षण हैं।  सीओपीडी का ही एक स्टेज है इंफीसेमा जिसमें मरीज बिना मास्क लगाये सांस लेना भी मुश्किल होता है।
  • हड्डियां कमजोर हो जाती हैं – बचपन में मां हमेशा दूध पीने के लिए कहती हैं। दूध नहीं पीने से हड्डियां कमजोर होती हैं। लेकिन आप युवा हैं और सिगरेट पीते हैं तो आपकी हड्डियां जरूर कमजोर हो जाएंगी। यानी फ्रैक्चर होने के चांसेज बढ़ जाएंगे। यदि महिलाएं सिगरेट पीती हैं तो उनके लिए यह खतरनाक होगा। खासकर हड्डियों के मामले में।
  • हार्ट अटैक का बढ़ जाएगा खतरा 
    धूम्रपान करने से हार्ट अटैक का खतरा सामान्य इंसान के मुकाबले दोगुना हो जाता है। हृदय की कई बीमारियों से व्यक्ति ग्रसित हो जाता है।  हृदय की धमनियां पतली हो जाती हैं। उनसे होकर खून का बहना मुश्किल होने लगता है। इसलिए खतरनाक हद तक बीपी बढ़ना तो तय है।
  • प्रतिदिन पांच सिगरेट आपको बीमार करने के लिए काफी
    प्रतिदिन पांच सिगरेट आपको भयंकर रूप से बीमार करने के लिए काफी है। इतने सिगरेट से हृदय की सभी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। यही नहीं फेफड़े की भी बीमारियां हो सकती हैं।  इतने सिगरेट से निकलनेवाला कार्बन मोनो ऑक्साइड और निकोटीन आपके दिल को काफी तेजी से काम करने के लिए फोर्स करेगा। नतीजा हार्ट अटैक।
  • मुंह की बीमारियां 
    धूम्रपान से मुंह का कैंसर ही नहीं होता। बल्कि मुंह की कई अन्य बीमारियां भी होती हैं। धूम्रपान करने पर मुंह से बदबू बढ़ जाती है। दांतों का एनामेल हट जाता है। दांत पीले पड़ जाते हैं। मसूढ़े सिकुड़ते हैं। दांत कमजोर होकर टूट जाते हैं। सबसे बड़ी बात कि खाने-पीने का स्वाद नहीं मिलता। मुंह या जीभ टेस्टलेस हो जाता है।
  • समय से पहले दिखने लगेंगे बूढ़े 
    खूब धूम्रपान करते हैं तो अलर्ट हो जाइए। समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगेंगे। 25 की उम्र से बेतहाशा सिगरेट पीते हैं तो अगले कुछेक सालों में आप अपने उम्र से अधिक दिखने लगेंगे। ऐसा इसलिए कि धूम्रपान करने से त्वचा को जो ऑक्सीजन मिलना चाहिए उसमें कमी आने लगती है।  फिर बुढ़ापे की जो प्रक्रिया 50-55 के बाद शुरू होनी चाहिए वह 30 की उम्र में ही होने लगेगा। धूम्रपान करनेवालों की आंख और मुंह के पास त्वचा की उम्र बूढ़े लोगों जैसी हो जाती है। यानी सामान्य लोगों के मुकाबले तीन गुना तेजी से बुढ़ापा होने लगता है।
  • बढ़ सकती है नपुंसकता 
    धूम्रपान से नपुंसकता बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए कि यह लिंग तक पहुंचने वाली खून की नलियों को डैमेज कर देता है। यही नहीं यह स्पर्म को भी खत्म कर देता है। लगातार धू्म्रपान करने पर स्पर्म की संख्या घटती जाती है। जो लोग स्मोक करते हैं उनके स्पर्म कम होते हैं ऐसा डॉक्टरों का कहना है।
  • गर्भ ठहरना हो सकता है मुश्किल 
    जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उन्हें गर्भ ठहरना मुश्किल हो सकता है। गर्भ ठहर भी गया तो गर्भ में पल रहे बच्चे को काफी रिस्क रहता है।  यही नहीं बच्चे के प्रीमैच्युर जन्म लेने, गर्भपात होने, बच्चे के कम वजन होने आदि की आशंका रहती है।

दोस्तों के साथ सिगरेट की कश! हवा में सिगरेट के धुएं से छल्ले बनाते हुए। हर फ्रिक को धुएं में उड़ाने वालों …. जरा रुकिए। संभलिए! सिगरेट के धुएं में जिंदगी हवा न हो जाये।

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