बिहार में तम्बाकू या गुटखा खा कर इधर-उधर या सार्वजनिक स्थलों पर थूकना महंगा पड़ेगा। छह महीने की जेल की सजा हो सकती है।
- राजेश्वर राणा ने सीएम नीतीश के जन्मदिन पर दी बधाई, कहा – 2025 फिर से नीतीश
- दरभंगा में नवनिर्मित प्रेस क्लब का मंत्री महेश्वर हजारी ने किया उद्घाटन
- Career Point, Kota का दरभंगा में भव्य शुभारंभ, अब रूकेगा मिथिलांचल के बच्चों का पलायन
- नए वेराइटी व नए लुक के साथ श्री कलेक्शन शोरूम का शुभारंभ
- सैन्फ़ोर्ट इंटरनेशनल स्कूल का तीसरा Annual Sports Meet मनमोहन प्रस्तुति से बच्चों ने खूब तालियां बटोरी
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), नई दिल्ली ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है। उसमें बताया गया है कि पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर यत्र-तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है।

अत: सार्वजानिक जगहों पर इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। बिहार में राज्य सरकार ने पहले से ही पान मसाला में मैग्निशियम कार्बोनेट निकोटिन पाए जाने के कारण 15 ब्रांड के पान मसालों के निर्माण, भंडारण एवं बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है।

राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगभग एक तिहाई जिलों में डीएम ने सभी सरकारी/गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया है। डीएम द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि तम्बाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। सार्वजनिक रूप से थूकना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और संक्रामक रोगों के फैलने का एक प्रमुख कारण है।

बिहार में तम्बाकू नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित तकनीकी संस्थान सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने उम्मीद जताई है कि प्रतिबंध से तम्बाकू के उपयोग में कमी आएगी। साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा कम होगा।