दरभंगा (कुलदीप झा) : जय श्यामा माई-श्यामा माई, श्यामा माई जय श्यामा माई बीज मंत्र वातावरण में घुलने लगा है. मां श्यामा मंदिर न्यास समिति की ओर से चल रहे इस नवाह में नामधुन जाप में मंच के सामने बने विशाल पंडाल में जहां श्रद्धालु गोते लगा रहे हैं, वहीं गर्भगृह के सामने हवन कुंड की परिक्रमा भी कर रहे हैं. कई भक्त हवन में भी समावेत हो रहे हैं. इधर पंडितों की टोली एक ओर जहां बीज मंत्र का जाप कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुर्गा सप्तशती का पाठ अहर्निश चल रहा है. परिसर के वातावरण में श्यामा नाम घुल गया है.साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है. सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाली भगवती श्यामा की आराधना में भक्त डूबने लगे हैं. माधवेश्वर परिसर के चारों ओर भक्तों की भीड़ से पट सी गयी है. पूरा राज परिसर श्रद्धालुओं से जगमग होने लगा है. नवाह के तीसरे दिन सोमवार को भी पूरा मंदिर परिसर भक्तों से पटा रहा.श्रद्धालुओं ने माता की पूजा-अर्चना के बाद बीज मंत्र जाप में जुटे रहे. इसमें महिला भक्तों की भीड़ अधिक नजर आयी.समिति ने इस बार श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण के लिए अलग व्यवस्था की है. सामान्य भक्तों के लिए भंडारा की जगह प्रसाद काउंटर खोल दिया है. कतारबद्ध होकर भक्तगण प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं. इसमें महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग प्रबंध किये गये हैं. दिन-रात नामधुन जाप के लिए समिति की ओर से 16 मंडलियों का चयन किया गया है. सभी मंडली के लिए अलग-अलग समय निर्धारित कर दिया गया है. समिति के सह सचिव प्रो श्रीपति त्रिपाठी व यज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष कमला कांत झा ने रविवार को यह सूची जारी कर दी. वहीं प्रबंधक चौधरी हेमचंद्र राय, विनोद कुमार आदि सफल आयोजन के लिए सक्रिय नजर आये.
सुबह छह से आठ -सूर्यनारायण यादव
आठ से 10 – बोधनारायण सिंह
10 से 11 – महेश यादव कलाकार
11 से 12.30 – विनीता सर्राफ
12.30 से दो – राम कुमार यादव
दो से तीन – विभा झा
तीन से 4.30 – डॉ ममता ठाकुर
4.30 से शाम छह – डॉ सुषमा झा
शाम छह से सात – मनोज कुमार मिश्र
सात से आठ – मयंक पंकज झा
आठ से रात 10 – पप्पू चौधरी
10 से 11 सुरेंद्र कुमार
11 से 12 – रसियाजी
12 से 2 – रामनारायण मंडल
दो से चार – छलिया बाल मंडली
चार से छह – काशीनाथ झा किरण
साथ ही मंदिर की सजावट भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंदिर के गर्भगृह के सामने काफी खुबसूरती से सजावट की गयी है. भव्य गेट बनाया गया है.वहीं पूरे परिसर की बिजली-बत्ती से सजावट हुई है. शाम ढलते ही नजारा अलौकिक हो जाता है. विशेषकर फूट रही सतरंगी रोशनी का बिंब सरोवर में पड़ता है तो इसे देख श्रद्धालु मुग्ध हो उठते हैं.
गौरतलब है कि गत 19 नवंबर से आरंभ यह नवाह महायज्ञ आगामी 28 नवंबर तक चलेगा. उस दिन पूर्वाह्न 11 बजे नामधुन जाप विराम लेगा.