इटावा (डॉ एस बी एस चौहान) : जनपदीय तहसील चकरनगर में कुछ अध्यापकों एवं शिक्षा मित्रों को फ्री की तनख्वाह लेने की आदत सी पड़ गई है कभी कभार ही विद्यालय आते हैं और पूरे माह के हस्ताक्षर कर वेतन निकालते हैं।
- पत्रकार के साथ लहेरियासराय थाना की पुलिस ने किया दुर्व्यवहार, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई का दिया आदेश
- Meet one of Bihar’s youngest entrepreneur RAJESHWAR RANA
- लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों को संरक्षण दे रहा है केंद्र सरकार – डॉ मुन्ना खान
- मिथिला के चाणक्य होटल मैनेजमेंट कॉलेज को मिला ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ होटल मैनेजमेंट कॉलेज 2024’ का सम्मान
- कई सीनियर IAS अधिकारियों का तबादला, यहां देखें पूरी लिस्ट…
संकुल प्राभारी एवं ब्लॉक समन्वयक ऐसे अध्यापकों एवं शिक्षा मित्रों का देते हैं साथ जो कि पूरे महीने का वेतन निकालवा देते हैं। बिना विद्यालय आए ही।
जी हां हम बात कर रहे हैं बिठौली प्राथमिक विद्यालय की जहां कभी भी जिला शिक्षा अधिकारी/जिलाधिकारी औचक निरीक्षण कर इसकी पुष्टि कर सकते हैं। क्या वरिष्ठ अधिकारी ऐसे लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे? शिक्षा मित्रों की तानाशाही इतनी व्यापक है कि इनके रौब के सामने कानून व्यवस्था से लेकर सामाजिक व्यवस्था तक सब बोनी ही नजर आती है।
प्राथमिक विद्यालय बिठौली में प्रधानाध्यापक एक कठपुतली की तरह हो गया है स्थानीय शिक्षा मित्र होने के कारण अपनी मनमानी करते है।महीने में दो या तीन दिन ही आते हैं और तनख्वाह पूरे माह की कैसे निकलते है? संकुल प्रभारी/ब्लॉक समन्वयक मेहरबान है। जो दो या तीन दिन विद्यालय आने पर ही पूरे माह का बेतन कैसे निकालने की संस्तुति कर देते हैं। एक बार यदि उपस्थिति रजिस्टर को देखा जाये तो रजिस्टर पर सफेदा लगा हुआ है।फिर भी कैसे बेतन निकलने की संस्तुति की जाती है?यह एक जांच का विषय है?