डेस्क : दरभंगा शहर में एक अनोखी शादी हुई, जिसे देखकर लोग वाह-वाह कह उठे। इस शादी में ना तो किसी तरह की फिजुलखर्ची हुई, ना शोर-शराबा और ना ही आडंबर। इसके बदले शादी में लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। दूल्हा दुल्हन को ब्याहने महंगी कार में नहीं, बल्कि फूलों से सजे ई-रिक्शा में सवार होकर पहुंचा। तो वहीं वधू भी पारंपरिक डोली में विदा हुई। यह शादी शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दूल्हा बने श्रवण कुमार की शादी में दुल्हन बनी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के श्यामनगर की रुचि। श्रवण एवं रुचि दोनों बेंग्लुरू में इंजीनियर हैं और दोनों ने अपनी शादी के माध्यम से लोगों को अपनी संस्कृति से जुड़ने की अपील की। वहीं शादी में मिलने वाले उपहारों को उन्होंने समाज हित में लगा दिया है।
पर्यावरणीय खतरे को कम करने के लिए शादी के अवसर पर पौधरोपण इस अभियान का प्रमुख हिस्सा रहा। बता दें कि शादी का न्योता देने के लिए महंगे कार्ड नहीं बांटे गए, इसकी जगह गीता बांटी गई। वर-वधू दोनों का मानना है कि कार्ड कितना भी महंगा क्यों ना हो, हमारे लिए वह उपयोगी नहीं होता।
इसकी जगह मानव जीवन के लिए उपयोगी ग्रंथ गीता से लोगों को ना केवल जीवन का दर्शन प्राप्त होगा, बल्कि गीताप्रेस को जीवित रखने में भी यह अभियान सहायक होगा। शादी में दूल्हा-दुल्हन ने तो पौधरोपण किया ही, उसकी सुरक्षा का भी जिम्मा लिया। इसके साथ ही शादी समारोह में भाग लेने वाले सभी अतिथियों को उपहार स्वरूप पौधे भेंट किए गए।
शादी में दूल्हा-दुल्हन को मिलने वाले उपहार की राशि दोनों ने सामाजिक उपयोग में लगा दिया। यह राशि शहर के मुशा साह मध्य विद्यालय के विकास में खर्च की जाएगी। दुल्हन ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई इसी स्कूल से पूरी की है।
शादी के समारोह का उद्घाटन राज परिसर स्थित श्यामा माई विवाह भवन में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह व मेयर वैजयंती देवी खेड़िया ने किया। दोनों अतिथियों ने पौधारोपण कर ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ अपना संदेश दिया।