डेस्क : 18 साल की उम्र में सरकारी सेवक बने लोग 42 साल की सेवा के बाद रिटायर हो जाएंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने पुलिस महानिदेशक सहित सभी विभागाध्यक्षों, प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे कर्मियों का ब्योरा मांगा है. कहा है इन्हें रिटायर कर दें। इन पर 60 साल की उम्र में अनिवार्य सेवा निवृति का नियम लागू नहीं होगा.
गौरतलब है कि बिहार सरकार के सेवा संहिता में सरकारी सेवा में बहाल होने के लिए अधिकतम उम्र का जिक्र तो है, लेकिन न्यूनतम उम्र का नहीं बताया गया है.इसी वजह से कम उम्र के लोग नौकरी पा चुके हैं. सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार ऐसे कई सरकारी सेवक पाए गए हैं जिनका किसी वजह से 18 वर्ष के कम उम्र में ही बहाली हो गई है और यह 60 साल की उम्र तक सेवा में बने रहते हैं. अब सरकार ने 18 साल से कम उम्र में सरकारी सेवक बने लोगों को 42 साल के बाद सेवा से रिटायर कर देने का निर्णय ले लिया है.
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सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र में कहा गया है कि सभी विभागीय प्रधान अपने अधीनस्थ कार्यालय के सरकारी सेवकों की सूची तैयार करें. यह देखें कि कोई कर्मी 42 साल से अधिक उम्र तक सेवा में तो नहीं है. इसके लिए हरेक कर्मी की सूची बनाने का निर्देश भी दिया गया है.
पत्र के मुताबिक 42 साल के बाद भी सेवा में बने रहे कर्मियों से वेतन एवं अन्य मदों में किए गए भुगतान की वसूली भी होगी. यह वसूली उन अधिकारियों और कर्मचारियों से होगी, जिनकी वजह से कोई कर्मी 42 साल की सेवा के बाद भी वेतन लेता रहा.