लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार को लोकभावना के अनुरूप लोकसम्मान के निर्णय होने चाहिए। शराब की बिक्री से सरकार राहत पाने की उम्मीद कर रही है। भले ही उसके चाहे जितने दुष्प्रभाव हों। सत्तारूढ़ दल को इस संकट में भी अगले चुनाव की चिंता सता रही है, इसीलिए उसने विपक्ष का सहयोग लेने का कोई सही प्रयास नहीं किया है। विधानसभा का विशेष सत्र भी वह बुला नहीं रही है। भाजपा सरकार अपनी नकारात्मक सोच छोड़ नहीं पा रही है।
लाकडाउन, लाकडाउन, तीन बार लाकडाउन और नतीजा शिफर…। लगता है भाजपा सरकार में हर बात के लिए पंक्तिबद्ध रहना होगा। नोटबंदी से शराब की प्राप्ति तक लाइन में खड़े रहना भारतीयों की नियति हो गई है। क्या इसी तरह भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डालर होगी?
अखिलेश यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के शिकार लोगों की संख्या कम नहीं हो रही है। कई दर्जन मौतें हो चुकी हैं। संक्रमित लोगों की संख्या के सही आंकड़े भी नहीं मिल पा रहे हैं। अभी राज्य में 20 से अधिक संक्रमित जिलों में वेल्टीलेटर तक नहीं है। इसमें लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। 25 मार्च 2020 से घरों में कैद अल्पवेतन भोगियों, रोज कमाने खाने वालों, नौजवानों और किसानों को भविश्य की दुश्वारियां सोचकर ही पसीना छूट रहा है। सरकारी खजाने की हालत बिगड़ी हुई बताई जाती है।
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