जाले प्रखंड में पहली बार किसी अधिकारी पर सूचना अधिकार अधिनियम के तहत अर्थ दंड लगाया गया
दरभंगा जाले (संजीव शमा) : जिले के जाले प्रखंड के अंचल अधिकरी के ऊपर बिहार राज्य सूचना आयोग ने पचीस हज़ार का अर्थ दण्ड लगाया है यही नहीं जब तक अर्थ दण्ड की राशि अंचल अधिकारी से वसूली नहीं की जाती है तब तक जिला समाहर्त्ता ,दरभंगा को आदेश दिया गया है की वेतन पर रोक लगाए रखे इसके साथ ही आदेश की एक प्रति कोषागार पदाधिकारी दरभंगा को भी इस सम्बन्ध में आदेश अनुपालन हेतु भेजा गया है ।
बताते चलें कि पंचायत मुरैठा के ग्राम छोटी महुली निवासी सहजादी खातून प्रखंड कि पहली महिला जिसने सूचना के लिए सूचना अधिकार कानून को अपनाया । जिसके तहत सूचना मुहैया नहीं कराने के आरोप में अंचल अधिकारी के ऊपर सूचना अधिकार के तहत अर्थ दण्ड आरोपित किया गया ।
आदेश पत्र
- होली से पूर्व शराब की बड़ी खेप धराया, दरभंगा मद्यनिषेध टीम ने कंटेनर से 305 लीटर शराब किया बरामद
- डॉ भीमराव अम्बेडकर संस्थान द्वारा होली मिलन समारोह सह सम्मान समारोह आयोजित
- इंटरनेशनल महिला दिवस पर भव्य समारोह आयोजित
- राजेश्वर राणा ने सीएम नीतीश के जन्मदिन पर दी बधाई, कहा – 2025 फिर से नीतीश
- दरभंगा में नवनिर्मित प्रेस क्लब का मंत्री महेश्वर हजारी ने किया उद्घाटन
ये है मामला :
सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मुरैठा पंचायत के छोटी महुली निवासी सहजादी ख़ातून ने जानकारी मांगी थी की “कृपया बताया जाए की जो मेरा घर गुजरा पोखर के भीर पे बना था वह किन कारणों से उजाड़ा गया ,क्या आपके पास मेरा घर उजाड़ने सम्बंधित कोई आदेश कॉपी है अगर है तो उसकी सत्यापित छायाप्रति दी जाए। इसके अलावा सहजादी खातून ने ये भी जानकारी मांगी की जिस जगह मेरा घर था अर्थात जिसको उजाड़ा गया उसको भविष्य में किस कार्य के लिए उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही सहजादी ने ये भी पूछा की जिस जगह मेरा घर था क्या वह विवादित था अगर हाँ तो मेरे घर को उजाड़ने सम्बंधित आपके द्वारा अर्थात प्रशासन के द्वारा किस प्रकार की कार्रवाई की गयी अथवा किस तरह का न्याय किया गया उसकी सत्यापित छायाप्रति देने की कृपा करें।
आरटीआई आवेदिका सहजादी के द्वारा उक्त सूचना अंचल अधिकारी जाले से दिनांक 08/11/2016 को मांगा गया था । सूचना प्राप्त नहीं होने पर सहजादी ने बिहार राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपील दायर की ।
आयोग द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम की धारा -20(1) के अंतर्गत 250/- प्रतिदिन की दर से कुल 25000/- रूपया का अर्थ दण्ड अधिरोपित किया गया ।