दरभंगा (बिरौल) : अनुमंडल मुख्यालय के निकट स्थित सुपौल खादी ग्रामोद्योग परिसर है, क्षेत्र में कभी इसकी अलग ही पहचान थी, धीरे-धीरे इसकी पहचान व अस्तित्व समाप्त हो चुका है। कभी चरखे की गूंज लोगों को बिरौल खादी भंडार में सुनाई पड़ती थी, अब वह समय नहीं रहा, चरखे की आवाज बंद हो गई है। खादी के कपड़े की मांग घटने से इससे जुड़े लोगों की तो रोजी-रोटी ही छिन गई। खादी ग्रामोद्योग का भवन जगह-जगह से जर्जर हो गया है और धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। लाखों रूपये की मशाीन में जंग लग चुका है। निर्मित खादी के कपड़े भी लगभग बेकार हो गये हैं। बचे कपड़े पर गंदगी की रत बैठ गई है। इसे खरीदने वाला कोई नहीं है, खादी भंडार परिसर में कुछ स्थानों पर जल जमाव है तथा जलकुंभी भरा है।
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