दरभंगा/जाले : युवाओं को मत्स्यपालन कर रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में समेकित मछली पालन प्रशिक्षण के दूसरे दिन केंद्र के मत्स्यय वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे युवा प्रशिक्षनार्थियों को मंगलवार को विज्ञान केंद्र के तालाबो में, मत्स्य प्रक्षेत्र निर्माण, मछली पालन के लिए तालाब निर्माण, वैज्ञानिक बिधि से तालाबो का पैमाइस कर सही माप लेना, मत्स्यय पालन में होने वाले अनुमानित खर्च का आकलन करना, मछली के रख-रखाव के लिए बांध निर्माण में सावधानियां, के साथ साथ मिश्रित मछली पालन तकनीक बताई गई।
तालाबो में अवांछित मछलियों के उन्मूलन के लिए तालाब में डालने बाले महुआ की खल्ली मात्रा 2000, किलो ग्राम से से 2500 किलो प्रति हेक्टेरियर प्रति मीटर पानी या ब्लीचिग पाउडर 150 किलो 100 किलो यूरिया के साथ प्रति हेक्टेरियर प्रयोग करने से सभी मछलियां मर जाती हैं और उस मछली को खाया जा सकता है। इसके अलावे तालाबो उर्वरा युक्त बनाने की विधि के संदर्भ में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। मौके पर केंद्र प्राभारी डॉ ए.पी.राकेश, डॉ. सीमा प्रधान ने भी प्रशिक्षण दिया।