राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार रामराज्य स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। सरकारी योजनाओं का लाभ देकर सरकार सही मायने में रामराज्य स्थापित करेगी। उन्होंने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि 1947 के बाद सरकारों ने नरेंद्र मोदी सरकार जैसा काम किया होता तो देश की गरीबी दूर हो जाती, लेकिन उस सरकार ने काम नहीं किया। उसकी दृष्टि ही नहीं थी, जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि…। इस दौरान एपीजे अब्दुल कमाल प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ और ‘एकल अभियान’ संस्था के बीच तकनीकी शिक्षा में सहयोग देने के लिए करार भी हुआ।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को डा. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में एकल अभियान द्वारा आयोजित परिवर्तन कुंभ के उद्घाटन समारोह में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण का काम प्रशस्त हो रहा है। सारी बाधाएं दूर हो चुकी हैं। अब यह काम युद्ध स्तर पर होगा। भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण देश की आस्था के साथ वनवासी जीवन को मान्यता देने का काम भी है। हजारों साल पहले देश के वनवासी समाज को मान्यता देने का काम भगवान श्रीराम ने किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वनवासी क्षेत्र के लिए जनजातीय मंत्रालय के गठन के साथ ही उन क्षेत्रों के विकास को नई गति दी। इसके साथ ही ट्राइबल म्यूजियम की स्थापना करना उनके लिए शासन की विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल ने जिस एकल अभियान का बीजारोपण किया था आज वह एकल अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुरूप एक लाख की संख्या पार कर सेवा के क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार में निस्वार्थ भाव काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को कहा था कि अब देश की योजनाओं का लाभ किसी व्यक्ति, परिवार, जाति, भाषा को देखकर नहीं बल्कि देश के गांव, गरीब, दलित, महिलाओं और समाज के प्रत्येक तबके तक लेकर जाएंगे। आज यही हो रहा है। पिछले पांच सालों में दी गई सुविधाओं की गति अगर 1947 से होती तो आज ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होता जो शासन की सुविधाओं से वंचित होता।
आजादी के बाद 70 सालों में प्रदेश में कुल 12 मेडिकल कालेज बने थे। उनकी सरकार पिछले तीन सालों में 28 नए मेडिकल कालेज बना रही है, यह परिवर्तन है। यूपी की बेहतरी के लिए ‘स्कूल चलो अभियान में पिछले तीन सालों में 50 लाख नए बच्चों को स्कूल भेजा गया। परिषदीय स्कूलों में 1.80 करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं। बच्चों का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी की तर्ज पर आगे बढ़ाया गया। सरकार ने व्यवस्था की कि कोई भी शिक्षक प्रॉक्सी टीचर नहीं रखेगा। नियुक्त शिक्षकों की फोटो स्कूलों में लगाई गई है, जिससे बच्चे पहचान जाएं कि उनका शिक्षक कौन है? शिक्षकों की उपस्थिति के लिए 1.58 लाख 58 स्कूलों को ‘प्रेरणा ऐप से जोड़ा गया।