राम किशोर रावत (माल/लखनऊ) :: गांव के बेकार पानी में पनपने वाले लार्वा को एक विशेष प्रजाति की मछली नियंत्रित करेगी । ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएच एनसी)को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है । जानकारी देते हुए बीडियो भानु प्रताप सिंह ने बताया गांवों में मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिये विशेष प्रजाति की मछली पानी में डाली जा रही है । गम्बोजिया प्रजाति की मछली मच्छरों के लार्वा को खा जाती है । इसी खूबी को देखते हुये गांवों में बस्ती के अंदर या नजदीक स्थित जलभराव वाले स्थानों पर मछली का बीज डाला गया है । पहली बार हो रहे इस प्रयोग को लेकर सभी गांवों में लोगों में भी उत्सुकता नजर आयी । सहायक विकास अधिकारी पंचायत देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा बेकार पानी गांवों में एकत्रित होता है ।
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जिसमें विषैले मच्छरों का लार्वा पैदा हो जाता है । यह मछली लार्वा को खा जाती है इसलिये बस्ती के भीतर जिन स्थानों पर बेकार पानी जाम रहता है वहाँ या मछली डाली गयी है । मछली आपूर्ति कर रहे दीपू कुमार कश्यप ने बताया यह मछली बहुत तेजी से वंश बृद्धि करती है । अगले वर्ष तक सभी गांवो में इसकी पर्याप्त संख्या हो जायेगी । अभी प्रत्येक पंचायत में पांच सौ मछली आपूर्ति की गयी हैं ।
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