राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जनप्रतिनिधि होने के नाते हमारी प्राथमिकता सदन में जनता के विश्वास को बनाए रखना और उसे निरंतर सुदृढ़ करने की होनी चाहिए। जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों, अपने राज्यों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को उचित प्लेटफार्म सदन में उठाकर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण में जनप्रतिनिधियों को सरकार की मदद करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह बातें राष्ट्रीय मंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन में गुरुवार को कही। सदन की कार्यवाही में व्यवधान से यह बाधित भी होता है और समय भी खराब होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, राष्ट्रमंडल देशों में संसदीय लोकतंत्र के प्रस्तावक के रूप में उभरा है। दस दशकों से भी अधिक समय से विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से यह संघ राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और लोकतंत्र को सुसाध्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह हमारे लिए सुखद अनुभूति है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की इस भूमिका को सभी ने स्वीकारा है। भारत पूरे विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारत ने हमेशा राष्ट्रमंडल के लोकतांत्रिक मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र कसौटी पर खरा उतरा है। भारतीय लोकतंत्र में संसद और राज्य विधानमंडल सर्वोच्च प्रतिनिधिक निकाय है। इसलिए जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी के साथ आमजन की खुशहाली के लिए काम करना होगा। यहां खान-पान, रहन-सहन, जाति, मत-पंथ, भाषा सहित अनेक क्षेत्रों में विभिन्नता पाई जाती है। ऐसे में 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले इस देश में सभी को एक साथ लेकर चलना चुनौतियों से भरा है, लेकिन हमारे देश ने सर्वसम्मति व तालमेल से लोकतांत्रिक प्रणाली में बड़ी सफलतापूर्वक समायोजित कर लिया है।
– अनुभव के आदान प्रदान से ठोक निष्कर्ष निकलेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में विचार-विमर्श और अनुभवों के आदान-प्रदान से ऐसे ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जो लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण होंगे। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार की यह प्राथमिकता है कि ऐसी नीतियों और कार्यक्रमों का कार्यान्वयन हो जिनका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
– विकास के लिए मिलजुल कर काम करने की जरूरत
राज्य सरकार सतत विकास लक्ष्यों के प्रति गंभीरता से काम कर रही है। जलवायु, परिर्वतन, ऊर्जा, सुरक्षा, सामाजिक-आर्थिक विकास, गरीबी, भुखमरी आदि चुनौतियों का सामना करने के लिए मिल-जुल कर काम करने की जरूरत है। ऐसे में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ अपने सदस्य देशों को मूलभूत समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त करने और उन समस्याओं के समाधान पर आम सहमति बनाने का सार्थक आधार प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के आदर्शों को सभी देशों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इसके सदस्य देशों की विविधताओं और अनुभवों से प्रेरणा लेकर हमें उन देशों की मदद के लिए आगे आना होगा, जो लोकतंत्र स्थापित करने और उसे मजबूत करने की दिशा में अग्रसर हैं।