राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो।
प्रदेश पुलिस इस समय जहां कोरोना संकट के कारण लॉक डाउन का पालन कराने में जुटी है, वहीं वह विदेश यात्रा करने वाले प्रदेश के नागरिकों की तलाश में भी जुटी है। पुलिस को पासपोर्ट विभाग से ऐसे 93 हजार लोगों की सूची मिली है जिन्होंने विगत फरवरी माह में विदेश यात्राएं की थी। कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका को देखते हुए इन नागरिकों की पहचान जरूरी हो गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 93 हजार नागरिकों के बारे में सूचनाएं जुटाने का उद्देश्य यह है कि वे किन देशों की यात्रा पर गए थे और अभी वापस लौटे हैं या नहीं? और यदि लौटे हैं तो वे कोरोना से पीड़ित तो नहीं हैं।
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इन नागरिकों के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा देखते हुए यह कवायद चल रही है। अधिकारी ने यह भी बताया कि यदि विदेशी से लौटे नागरिकों ने अपनी ट्रैवेल हिस्ट्री छिपाई है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। इस काम में स्थानीय अभिसूचना इकाइयों (एलआईयू) के अलावा एसटीएफ व एटीएस को भी लगाया गया है। जमातियों ने भी बढ़ाई समस्याकोरोना के मरीजों के बारे में मिली प्रारंभिक सूचनाओं में विदेश की ट्रैवेल हिस्ट्री सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर विदेश मंत्रालय तक सक्रिय हो गया है।
इसी दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज की सूचना ने भी कोरोना के खतरे को बढ़ा दिया। इंटेलीजेंस ब्यूरो ने सबसे पहले यूपी को जिन 157 विदेशियों की सूची सौंपी थी, उसमें से केवल चार ही यूपी में मिले थे। हालांकि जांच की कवायद शुरू होने के बाद प्रदेश में अब तक 306 विदेशी नागरिक चिह्नित किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल व सूडान के नागरिक हैं। ये नागरिक तबलीगी जमात के मरकज में आए थे और मकरज समाप्त होने के बाद यूपी में आ गए थे। पुलिस ने अब तक 305 विदेशियों को क्वारंटीन करा दिया गया है, जिनमें से कई के कोरोना टेस्ट पॉजीटिव पाए गए हैं।