लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) :: बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में आए दिन होने वाली घटनाओं को देखते हुए पार्टी नेताओं की टीम तैयार की है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत आधार पर यह टीम बनाई गई हैं और इन्हें जिले व मंडलवार जिम्मेदारियां दी गई हैं। ये टीम मौके पर जाकर वस्तु स्थिति का जायजा लेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम करेगी। यह टीम यूपी में संबंधित समाज के किसी भी व्यक्ति पर अन्याय व अत्याचार के अति गंभीर व अति संवेदनशील मामलों में घटनास्थल पर पहुंच कर उसे न्याय दिलाने के लिए और कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।
मायावती ने मंगलवार को दिल्ली में बातचीत के दौरान जिम्मेदारियां सौंपे जाने की घोषणा की है। दलित व आदिवासी समाज के लिए पूर्व विधायक गयाचरण दिनकर (बांदा), पिछड़ों के लिए विधायक लालजी वर्मा (अंबेडकरनगर), मुस्लिम समाज लखनऊ मंडल व पश्चिमी यूपी के चारों मंडलों में शमसुद्दीन रायनी व प्रदेश के बाकी 13 मंडलों में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली को जिम्मेदारी दी गई है। ब्राह्मण समाज व अन्य अपर कास्ट समाज की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को जिम्मेदारी दी गई है। अति संवेदनशील व अति गंभीर मामलों में जिलाध्यक्ष व स्थानीय मुख्य सेक्टर प्रभारियों के साथ ये मौके पर जाएंगे।
अधिकृत लोग घटना स्थल पर कोई धरना-प्रदर्शन आदि नहीं करेंगे। कफ्र्यू के दौरान वे घटनास्थल पर भी नहीं जाएंगे। इसके हटने के बाद पीड़ित परिवार से मिलकर व उनसे ही तथ्यों की जानकारी लेकर संबंधित अधिकारियों से मिलेंगे।
उन्होंने कहा है कि यूपी में तो बात-बात पर रासूका और देशद्रोह का इस्तेमाल लोगों पर किया जा रहा है। भाजपा सरकार जातिगत और राजनीतिक द्वेष की भावना से लोगों का उत्पीड़न कर रही है। डा. भीमराव अंबेडकर ने इसी के चलते कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि सपा व भाजपा में कोई अंतर नहीं है। सपा सरकार में भी यूपी में हर मामले में कानून-व्यवस्था के नाम पर गुंडाराज कायम था।