नई दिल्ली, लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) :: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वदेश में विकसित हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर वीइकल (एचएसटीडीवी) के सफल उड़ान परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी और कहा कि ऐसी क्षमता बहुत कम देशों के पास ही है।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर वीइकल के आज सफल उड़ान के लिए डीआरडीओ को बधाई। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित स्क्रैमजेट इंजन ने उड़ान को ध्वनि की गति से छह गुना अधिक रफ्तार प्रदान करने में सक्षम बनाया है। बहुत कम देशों के पास आज इस प्रकार की क्षमता है।’
भारत ने आज एचएसटीडीवी सफल प्रायोगिक उड़ान परीक्षण किया। इसके साथ ही भारत उन देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है जिनके पास अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने की क्षमता है। हाइपरसोनिक प्रणोदन प्रौद्योगिकी पर आधारित एचएसटीडीवी को डीआरडीओ ने विकसित किया है जो लंबी दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइलों और हवाई रक्षा प्रणाली जैसे भविष्य के उपकरण विकसित करने में भारत की मदद करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक एचएसटीडीवी मिसाइलों को लगभग 6 मैक या ध्वनि की गति से छह गुना अधिक रफ्तार प्रदान करने में सक्षम है। अमेरिका, रूस और चीन जैसे कुछ देशों के पास ही यह प्रौद्योगिकी है।