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कोरोना संकट के बीच इवेंट्स का नया अवतार, पुनः निभाएगा देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में अहम योगदान

पटना ब्यूरो संजय कुमार मुनचुन की विशेष रिपोर्ट : वैश्विक आपदा के रूप में कोरोना वायरस का कहर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। ऐसे में इवेंट्स उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना वायरस के कोहराम के बीच कई महीनों से कई इवेंट्स रद्द या स्थगित हो चुके हैं. चाहे बात हो शादी विवाह बर्थडे वार्षिकोत्सव की या खेल जगत समेत इंटरटेनमेंट संबंधित इवेंट्स की हो सभी रद्द हो चुके हैं। जिससे इवेंट उद्योग पर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है इससे शीघ्र उबरना भी अनिवार्य है ताकि फिर से इस उद्योग को पटरी पर लाया जा सके और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में यह उद्योग पूर्व की भांति अहम भूमिका निभा सकें।

आइए जानते हैं इवेंट्स उद्योग को लेकर विस्तार से EVENTOSS से हुई चर्चा के कुछ अंश…

कोरोना महामारी ने ईवेंट और एंटरटेनमेंट जगत में क्या प्रभाव डाला है?

इस वैश्विक महामारी के कारण जहाँ दुनिया के सभी व्यावसायिक क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ा है वहीं ईवेंट और एंटरटेनमेंट जगत इससे सबसे अधिक क्षति का सामना करता हुआ दिख रहा। ऐसा इसलिये भी क्युंकि लोगों के बिना एकत्र हुए ईवेंट और एंटरटेनमेंट की परिकल्पना करना व्यर्थ ही है और तत्काल समय में ये समस्या हल होते हुए भी नहीं दिख रही। हमें ये आशा ज़रूर है की अक्तूबर-नवंबर के समय प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, कुछ ईवेंट का आयोजन संभव हो।

आपके अनुसार कोरोना का सबसे भयंकर प्रभाव उद्योग जगत में क्या है?

कोरोना हर प्रकार से व्यावसायिक वर्ग के लिए घातक सिद्ध हुआ है, परंतु मेरे अनुसार इसका सबसे भयावह प्रभाव, कार्यरत व्यक्ति और वेंडर पर भविष्य में काम की अनिश्चितताओं को लेकर हुआ है जिसके फलस्वरूप इनमें मानसिक रूप से आत्मविश्वास की कमी आई है।

पुनः इनके इस मनोबल को पराकाष्ठा तक स्थापित करने में समय लगेगा, जिसके कारण निकटतम भविष्य में, व्यावसायिक कार्यक्षमता में भारी कमी देखने को मिल सकती है।

आपके समक्ष इस वैश्विक बीमारी ने क्या-क्या सकारात्मक पहलू दर्शाये हैं ?

कोरोना संक्रमण ने जहाँ पूरे विश्व में हाहाकार मचाया है वहीं हमे ठहराव भी प्रदान किया अपनी विफलताओं का विश्लेषण करने के लिए, अपनी त्रुटि को सुधारने के लिए और अपनी ऊर्जा को एकत्र कर फ़िर से प्रयास करने के लिए। हमें सजग रहते हुए अपने कार्य शैली में निरंतर विविधता लाने की आवश्यकता है ताकि हम ऐसी स्थिति में एक दिशा में ही सीमित रह कर समाप्त ना हो जाए।

Eventoss की भविष्य को लेकर क्या योजना व रणनीति है?

यदि हमें भविष्य में कोरोना जैसी महामारी से निपटना है तो हमें अपनी कार्यशैली में निरंतर प्रयोग और परिवर्तन करते रहना होगा।

डिजिटलाइज़ेशन के इस दौर में, हम Eventoss को भी डिजिटली मज़बूती प्रदान करने में कार्यरत हैं, इसी क्रम में हमने Club Eventoss नाम से एक पोर्टल का भी गठन किया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य ईवेंट व्यवसाय को डिजिटल मंच पर लाना है, ये खुद में एक अनूठी पहल है, साथ ही इवेंटॉस के बैनर तले डिजिटल और पब्लिक रिलेशन सेवाओं को और भी प्रबल और पहले से अधिक विविधता प्रदान की है।

पॉलिटिकल कैम्पेन भी हमारे लिए एक अवसर के रूप मे उभरा है, आने वाले समय में Eventoss की पॉलिटिकल टीम चुनावों में पार्टियों को चुनावी रणनीतियों से लेकर प्रचार प्रसार तक की सेवा प्रदान करेगी। इसी के साथ Eventoss ने अपनी कार्यशैली में एक नया आयाम भी जोड़ लिया है।

आपकी क्या अपेक्षा है ईवेंट उद्योग कब तक अपने पथ को प्राप्त कर लेगा?

इस प्रश्न का उत्तर देना शायद समय के दृष्टिकोण से सही ना हो, परन्तु मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी इंडस्ट्री समय के साथ इस विषम परिस्थिति से अवश्य ही उबर जाएगी, इस उम्मीद के साथ, वैसे ही जैसे हर काली रात के बीत जाने के बाद एक नया सवेरा होता है।

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