पटना (संजय कुमार मुनचुन) : कोरोना संकट की महामारी के बीच इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां बिहार कैबिनेट की बैठक समाप्त हो गई है. नीतीश कैबिनट की इस बैठक में कुल 10 एजेंडों पर मुहर लगी है. सरकार की ओर से बड़ा निर्णय लिया गया है.
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नीतीश कैबिनेट की इस बैठक में फसलों के नुकसान के लिए 518 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है. कैबिनट की इस बैठक में कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए राशि दी गई है. मार्च में ओला वृष्टि और बे मौसम बरसात में फसलों की क्षति को लेकर कृषि इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है. कोरोणा संक्रमण में ठेके पर काम कर रहें कर्मियों की बड़ी राहत दी गई है.
इस अहम बैठक में संविदाकर्मियों को मार्च और अप्रैल महीने का वेतन देने का निर्णय लिया गया है. उपस्तिथि पंजी के बगैर वेतन बनाने का निर्णय लिया गया है. कैबिनेट ने बिना उपस्तितजी पंजी के वेतन निर्गत करने के एजेंडे पर मुहर लगाई है.
नीतीश कैबिनेट ने लिया फैसला
नीतीश कुमार की कैबिनेट की आज हो रही बैठक में ये फैसला लिया गया है. सरकार ने ये तय किया है कि 5 लाख से ज्यादा संविदाकर्मियों को मार्च और अप्रैल महीने का पूरा वेतन दिया जाये. गौरतलब है कि मार्च में लॉकडाउन के एलान से पहले से ही बिहार सरकार ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की आवाजाही पर बंदिशें लगायी थीं. सरकार ने सारे दफ्तरों में आने वाले सभी कर्मचारियों को एक साथ आने पर रोक लगा दी थी. उन्हें बारी-बारी से दफ्तर में बुलाया जा रहा था.
वहीं लॉकडाउन के एलान के बाद कई सरकारी दफ्तर बंद कर दिये गये थे. वहीं सरकारी दफ्तरों में ट्रेन-बस से आने वाले कर्मचारियों को दफ्तर आने से मना कर दिया गया था. ऐसे में ज्यादातर संविदाकर्मी दफ्तर आकर हाजिरी नहीं बना पाये. सरकार ने तय किया है कि सूबे के तमाम संविदा कर्मचारियों को अप्रैल-मार्च का पूरा वेतन दिया जायेगा. उनकी हाजिरी चेक नहीं की जायेगी. वैसे भी केंद्र सरकार पहले ही कोरोना काल में दफ्तर नहीं आने वाले कर्मचारियों का वेतन नहीं काटने का एलान कर चुकी है. प्रधानमंत्री निजी संस्थानों से भी अपील कर चुके हैं कि वे कोरोना के दौर में अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं रोके और उन्हें पूरा भुगतान करें.