सिंगाही/लखीमपुर खीरी ( सुग्रीव कुमार त्रिवेदी ) : जहां ग्राम पंचायत सिंगहा कलां में जल निगम द्वारा लाखों रुपये से निर्मित पेयजल जल योजना के तहत निर्मित कराई गई टंकी व चार किलोमीटर तक फैले पाइप लाइन का रख-रखाव, अनुरक्षण व कई सालों से पानी सप्लाई न होने से खंडहर मे तब्दील हो गया है।हजारों लोग बूंद-बूंद को तरस रहे, खण्डहर होती जा रही पानी टंकी।
टंकी के नीचे उगा जंगल, चार साल से सड़ रहीं मोटर और मशीनें हुईं कबाड़ विकासखंड के सिंगहा कलां गांव में लाखों की लागत से जल निगम ने जिस पानी को टंकी को निर्मित किया। जिम्मेदार अधिकारी उस टंकी से गांव में रहने वालों को सप्लाई देना ही भूल गये। यही कारण है कि सालों से यह टंकी भूत की तरह गांव में खड़ी हुई है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग के अफसरों की हीलाहवाली और ग्राम पंचायत की अनदेखी के चलते सालों से टंकी का संचालन ठप पड़ा है। गांव में बनी पानी की टंकी का परिसर पूरी तरह से जंगल में तब्दील हो चुका है। जहां दिन में भी मवेशी घूमते हैं। वहीं परिसर में बने कमरे में रखे संचालन के उपकरणो पर भी धूल व जंग की मोटी परत जमा है। कई वर्षों से जमीन में पड़े रहने के कारण सभी उपकरण कबाड़ हो गए हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2015 में ग्रामीण अंचलों में पानी की समस्या को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने ग्रामीणों को स्वच्छ पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से जल निगम द्वारा ग्राम पंचायत सिंगहा कलां में एक ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत सैकड़ों घरों तक पाइप लाइन के जरिये पानी पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू करायी थी। जल निगम द्वारा विशालकाय टंकी तथा चार किलोमीटर तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन का जाल बिछाया गया था। पानी की आपूर्ति निर्बाध जारी रहे इसके लिए हैवी बोर व उपकरणों को सुचारु रूप से चलाने के लिए ट्रांसफार्मर भी लगाया गया था। जल निगम ने प्रोजेक्ट तैयार कर दो-चार महीने तो चलाया फिर ग्राम पंचायत के हवाले कर दिया। ग्राम पंचायत के अधीन होते ही योजना पर ग्रहण लग गया। अब उसको चलाने एवं रख रखाव के लिए धन की कमी आने के साथ ही ग्राम पंचायत अपने हाथ खड़े कर चुका है वहीं ग्रामीण पानी के लिए मोहताज है। ग्रामीण बताते हैं कि व्यवस्थाएं सब ठीक-ठाक रहे तो सैकड़ों घर को पानी का सीधा लाभ मिल सकता है। परंतु ना तो ग्राम प्रधान और ना ही विभाग इसे चलाने में अपनी रुचि दिखा रहा है जिससे लाखों रुपये से निर्मित पेयजल योजना ठप पड़ी हुई है।
क्या कहता हैं गांव का जिम्मेदार मुखिया
ग्राम प्रधान श्रवण कुमार यादव ने बताया की इसमें मेरी कोई जिम्मेदारी नही है, बिजली बिल न जमा हो पाने के कारण बिजली कनेक्शन काट दिया गया है,जब बिजली बिल जमा हो जाएगा तभी पानी आपूर्ति निर्बाध चालू हो पाएगी।
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क्या कहते है जिम्मेदार अधिकारी
जब दैनिक युवा गौरव के पत्रकार ने जलनिगम के जेई से संपर्क किया तो बताया कि पानी सप्लाई ना हो पाने का कारण ट्रांसफर का फुका होना बताया और उन्होंने कहा की मैं केवल सुपरविजन करता हूँ, इसके अलावा मैं कुछ नही कर सकता हूँ।। वंही जिम्मेदार बीडीओ आलोक वर्मा और ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल वर्मा से जानकारी ली तो बताया कि गावँ वालो ने टंकी का बिल नही जमा किया जिसके कारण विधुत विभाग का करीब तेरह लाख बिजली बिल बकाया हो गया जिसके चलते विधुत विभाग ने बिजली कनेक्शन काट दिया, और जब गांव वाले पानी का बकाया बिल जमा करेंगे तभी पानी सप्लाई चालू होने की संभावना होगी।
पानी के बिल के बारे में लोगो का कहना
टंकी के पानी के बिल के बारे में जब कुछ ग्रामीणों से जानकारी ली गयी तो बताया कि पानी की टंकी का बिल ज्यादा से ज्यादा लोगो ने जमा कर दिया है जिसकी रसीद या बिल टंकी ओपरेटर के द्वारा नही दिया गया है।अब सवाल ये उठता है कि आखिर जिन ग्रामीणों का टंकी का बिल जमा हुआ है उनको रसीद क्यों नही मिली।कुछ ग्रामीणों का टंकी का बिल जमा हुआ है वो पैसे विधुत विभाग में क्यों नही जमा कराए।इस समस्या का निस्तारण नही हो पाने के कारण हर घर तक पानी सप्लाई नही हो रहा है। जिससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है।