बिना मानक वा बिना अनुमति के धड़ल्ले से चल रहे आरओ प्लांट
बीकेटी/लखनऊ ( राज प्रताप सिंह ) : राजधानी के बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र में मानकों की अनदेखी कर कंटेनरओं में पानी भर कर बेचने का धंधा तेजी पर है।क्षेत्र में बगैर अनुमति 50 से अधिक ऐसे आरओ प्लांट चल रहे हैं। मानक की जांच करने की जिम्मेदारी खाद सुरक्षा रसद विभाग की है। पर इसकी नियमित जांच नहीं हो रही है 1 हजार लीटर प्रति घंटा उत्पादन के लिए 18 गुणे 12 के स्थान की आवश्यकता होती है।
पिछले कुछ वर्षों में आई जागरूकता से घरों में आरओ लगाए जा रहे हैं। वहीं दुकानों व प्रतिष्ठानों में मिनरल वाटर की डिमांड बढ़ते ही पानी का व्यापार करने वालों की संख्या बढ़ गई है। स्थितियां यह हैं कि बख्शी का तालाब क्षेत्र के हर गली मोहल्लों में कोई न कोई आरओ प्लांट लगाकर कंटेनर से पानी आपूर्ति कर रहा है।यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी विभिन्न वाहनों से घरों तक बोतल पहुंचाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो क्षेत्र में 50 से अधिक प्लांट लगे हुए हैं। और यहां से प्रतिदिन1 से 2 हजार कंटेनर पानी की आपूर्ति की जा रही है। प्लांट लगाने के पहले खाद्य सुरक्षा विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है।लेकिन क्षेत्र में पंजीकरण की संख्या नाम मात्र की ही है। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा अब तक किसी प्लांट की ना तो जांच हुई है और ना ही कार्यवाही की गई है।
वही जिम्मेदार विभागों का कहना है कि उन्हें नहीं पता है कि आरओ प्लांट संचालित करने का लाइसेंस किस विभाग द्वारा दिया जाता है। हर विभाग अपनी जिम्मेदारी से कन्नी काट रहा है। जिसका परिणाम यह है कि मानकों को पूरा किए बगैर आरओ प्लांट का बिजनेस चल रहा है।आरओ प्लांट को रजिस्टर्ड कराने के लिए 27 प्रकार की जांच होती है। प्रावधान के अनुसार हर आरओ प्लांट में प्रयोगशाला के साथ दो केमिस्ट होने आवश्यक है जो प्रतिदिन पानी की जांच करेंगे लेकिन केमिस्ट्री प्रयोगशाला तो दूर आरओ प्लांट के द्वारा पानी के खाली जारों को अच्छे से साफ तक नहीं किया जाता है।
क्षेत्र में चल रहे एक भी आरओ प्लांट के पास भारतीय मानक ब्यूरो का एनओसी नहीं है। जलकल विभाग आरओ प्लांट संचालित करने के लिए लाइसेंस नहीं देता है। लेकिन कनेक्शन जरूर दे सकता है।आरओ प्लांट के लिए कमर्शियल वाटर कनेक्शन लेकर ही बिजनेस किया जा सकता है। आवासीय कनेक्शन पर प्लांट चलाना अपराध है। सूत्रों की माने तो इन्हीं आरओ प्लांट मालिकों से सम्बंधित अधिकारी और कर्मचारी मोटी रकम लेकर खुलेआम चलाने देते हैं।जो कि सोचने का विषय है। बीकेटी के समस्त क्षेत्र में आरओ प्लांट के पानी की सप्लाई हो रही है। लेकिन जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।