राम किशोर रावत (माल/लखनऊ) :: प्रदेश सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर हरे भरे पौधों को लगाया जाता है। वहीं वन विभाग व पुलिस विभाग की मिलीभगत के चलते इलाके में हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों को लकड़ी माफियाओं द्वारा खुलेआम चल वाया जा रहा आरा। जिसके बाद इस लकड़ी को ट्रक में लाद करके लखनऊ व सीतापुर की मंडियों में बेची जा रही है। माल इलाके के पारा गाँव निवासी नन्हकू के 8 पेड़ कलमी आम के जो हसनगंज गांव के पास स्थित मोड़ पर थे वही गंगा खेड़ा गांव निवासी गया बकस के पांच पेड़ कलमी आम तथा दस पेड़ सागवान के बिना परमिट के लकड़ी माफिया द्वारा खुलेआम कटवाया गया।सूत्रों की मानें तो इस समय माल इलाके में आरा मशीनें पूरी तरीके से बंद होने के कारण लकड़ी माफिया मंडियों से गाड़ी को बुलवाकर जिसमें लकड़ी लादकर लखनऊ सीतापुर ले जाते हैं जिस गाड़ी का नंबर वन विभाग के अधिकारियों के जानकारी में रहता है।वहीं पुलिस भी सुविधा शुल्क लेते हुए गाड़ी को मंडी पहुंचा दिया जाता है। किसी भी लकड़ी की उच्च अधिकारियों के पास शिकायत करने के बाद खानापूर्ति करके ही ठेकेदार को बचा लिया जाता है। इस कारोबार में पुलिस 50 परसेंट अपना कमीशन लेकर हरे भरे पेड़ों को कटवा देती है वही वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर इन हरे भरे पेड़ों देख रेख की जिम्मेदारी होने के बाद भी वह ₹500 से लेकर ₹1000 प्रति पेड़ के हिसाब से वसूल कर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं जिम्मेदार।जब रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं तो कौन करेगा इन हरे भरे पेड़ों की रखवाली।एक और खेल खेलते हैं यह वन विभाग के अधिकारी मेन रोड के किनारे आम के पेड़ों की संख्या अधिक होने पर यह वन विभाग के अधिकारी लकड़ी ठेकेदारों को दो तीन पेड़ का परमिट बनवाने को कहकर सैकड़ों हरे भरे पेड़ों को उसी परमिट के नाम पर कटवा देते हैं। डंका या पीटते रहते हैं कि उस बाग का तो परमिट है।जबकि उस बाग में कोई भी पेड़ सूखा हुआ नहीं दिखाई देता है जिसके बाद भी उन पेड़ों को सूखता हुआ दिखा कर परमिट जारी कर दिया जाता है।
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इतना ही नहीं इन पेड़ की शाखाओं को कटवाने के बाद फिर दो-तीन महीने में ठूठों को भी कटवा दिया जाता है।यह सब खेल पुलिस वन विभाग की मिलीभगत के चलते लकड़ी ठेकेदारों द्वारा कई वर्षों से खेलते हुए चले आ रहे हैं। वही एक पेड़ लगाते हुए कई लोग फोटो खिंचवा कर वृक्षारोपण करते देखे जाते हैं लेकिन वही विभाग के जिम्मेदार ही सुविधा शुल्क लेकर सैकड़ों की संख्या में हरे भरे पेड़ों को कटवा दिया जाता है।उस समय कि कोई भी फोटो नहीं खिंचवाते हैं वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी। अगर समय रहते इस फल पट्टी क्षेत्र की ओर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इन हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों पर कटने पर प्रतिबंध न लगाया गया तो मलिहाबाद फल पट्टी क्षेत्र की हरियाली लकड़ी माफिया वन विभाग व पुलिस की सह पर पूरी तरह से समाप्त कर देंगे।वन विभाग के जिम्मेदारों पर इन पेड़ों के रखवाली करने की जिम्मेदारी है लेकिन वही वनरक्षक कसम खा चुके हैं कि हरियाली को ही समाप्त कर देंगे। तो कौन करेगा इन हरे भरे पेड़ों की रखवाली।
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