चकरनगर / इटावा ( डॉ एस बी एस चौहान ) : स्वच्छता मिशन के तहत सत प्रतिशत दावा ठोकने वाले जनपद इटावा के विकासखंड चकरनगर की जब ग्रामीण अंचलों में स्थिति का जायजा लिया जाता है तो पता चलता है कि यहां पर यह दावा कहीं खोखला साबित तो नहीं हो रहा है, या ग्राम प्रधान और सचिव की दूषित मानसिकता तो सिद्ध नहीं हो रही है? क्योंकि यह विकलांग खुले में शौच करने को हुआ मजबूर ।
जी हां हम बात करते हैं इटावा जिले के तहसील चकरनगर के अंतर्गत ग्राम पंचायत बिठौली में दिव्यांग अमित दुबे सुबह के समय जब शौच के लिए बाहर जा रहे हैं तभी उस दिव्यांग से हमने बात की।
यह तो वाह क्या बात है सौ प्रतिशत शौचालय वाले गांव में अक्सर देखा जाता है कि वाकई में जिसको जरूरत है शौचालय की उसको शौचालय मुहैया प्रशासन द्वारा नहीं कराया जाता है।
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बड़ी बात है कि 1 दिव्यांग किस तरीके से खुले में गंदगी फैलाने तो जाएगा ही और साथ ही साथ शासन की मंशा को धकियाता हुआ, जिला प्रशासन और ब्लॉक प्रशासन को प्रश्नगत कटघरे में लाकर खड़ा करेगा?
कैसे जाएगा यह बैसाखी पर टिका दिव्यांग सोचने को मजबूर लेकिन जब उस विकलांग से बात की तो उसने बताया कि मैंने कई बार ग्राम पंचायत व सचिव महोदय से कहा कि शौचालय का निर्माण करा दिया जाए लेकिन ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान ने अनसुनी कर दी और उसका शौचालय नहीं बनाया। बड़ा सवाल वह खुले में शौच के लिए हुआ मजबूर आखिर क्यों नहीं देते वरिष्ठ आला अधिकारी ध्यान?