सौरभ शेखर श्रीवास्तव की रिपोर्ट : बिहार के सभी जिलों में तैनात एसपी स्तर के अधिकारीयों को एक और विशेष अधिकार पुलिस मुख्यालय द्वारा दिया गया है.
- पल्स पोलियो अभियान 21 तक, एक भी बच्चा छूटे नहीं – सिविल सर्जन दरभंगा
- दरभंगा AIIMS भूमि अधिग्रहण मामले में नहीं दिया नोटिस, मुआवजा भी नहीं मिला
- शोभन बाईपास में एम्स निर्माण सीएम नीतीश की दुरगामी सोच – राजेश्वर राणा
- इंस्पिरेशन इम्पैक्ट अवार्ड से सम्मानित हुए एसआई अनूप मिश्रा अपूर्व
- राजेश्वर राणा ने घायल बाज का किया रेस्क्यू, प्राथमिक उपचार के बाद वन विभाग को सौंपा
बिहार पुलिस हेडक्वार्टर के कार्मिक एवं कल्याण प्रभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम 2(झ) एवं 9(1) के तहत पुलिस क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग के कर्मियों के विरुद्ध, जिस कार्यालय में पदस्थापित हैं, उस कार्यालय के आरोप के लिए सही कारण रहने पर पुलिस अधीक्षक कोटि के पदाधिकारी को ही अनुशासनिक प्राधिकार के रूप में प्राधिकृत किया जाता है.
पहले बिहार पुलिस क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग कर्मियों पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय से आइजी मुख्यालय सक्षम प्राधिकार थे. आदेश में कहा गया कि इस संवर्ग के कर्मी जिला पुलिस अधीक्षक, वाहिनियों के समादेष्टा एवं समकक्ष कोटि पदाधिकारियों के कार्यालय में कार्यरत रहते हैं. चूंकि नियुक्ति प्राधिकार पुलिस आइजी मुख्यालय हैं, इसलिए इस संवर्ग के कर्मियों के विरुद्ध निलंबन कार्रवाई के प्राधिकारी आइजी मुख्यालय ही होते हैं, जबकि प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक है कि इस संवर्ग के कर्मी जिस कार्यालय में तैनात रहते हैं. उस कार्यालय का प्रधान ही उन्हें निलंबन या लघु दंड देने का अधिकार प्राप्त हो.