सौरभ शेखर श्रीवास्तव की ब्यूरो रिपोर्ट : दरभंगा पुलिस के शहंशाह क सोमवार को दिन में खुद सादे लिबास में शहर घूमने निकले। मॉक ड्रिल कर अपनी ही पुलिस की परीक्षा ली। उन्होंने वायरलेस के माध्यम से शहर के सभी थानों को दो बाइक एवं उस पर सवार लोगों का हुलिया बताकर उन्हें पकड़ने का निर्देश दिया। इसके कुछ ही देर बाद वे स्वयं सादे कपड़ों में बाइक पर सवार होकर शहर में निकले। इस दौरान उन्होंने देखा कि कुछ टीमों के द्वारा अच्छा काम किया जा रहा है। उन्होंने उनकी बाइक को पकड़ लिया। वहीं, कुछ थाने की टीम सुस्त नजर आई।
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एसएसपी बाबूराम ने बताया कि लहेरियासराय, कोतवाली, नगर व यूनिवर्सिटी की टीमों ने सफलतापूर्वक उन्हें रोका। परंतु मब्बी, सदर व बेंता ओपी की पुलिस सुस्त नजर आई। सबसे अच्छा काम सीआईएटी की टीमों का रहा। कई जगहों पर सीआईएटी की टीम द्वारा उन्हें रोका गया।
उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा लापरवाही एकमीघाट में तैनात बहादुरपुर थाने की पुलिस टीम द्वारा बरती गई। वहां एक पदाधिकारी, तीन महिला जवान व एक पुरुष जवान तैनात थे। वे लोग लापरवाह तरीके से चाय-नाश्ता करते हुए मिले। एकमीघाट पहुंचकर पांच मिनट खड़े रहने पर भी इन लोगों ने कोई ध्यान नहीं दिया। उसके बाद एसएसपी ने बुलाकर उनसे पूछताछ की। लापरवाही बरतने के आरोप में पूरी टीम को निलंबित कर दिया गया।
एसएसपी बाबूराम के मॉकड्रिल की ये है पूरी स्टोरी
सोमवार को दिन में एकाएक एसएसपी बाबूराम ने पुलिस अधिकारियों को सूचना करा दी बिना नंबर की काली अपाचे बाइक पर दो शातिर अपराधी शहर में बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए घूम रहे हैं। यह सूचना कंट्रोल से सभी थाने, चेकिंग पेास्ट पर तैनात पुलिस पदाधिकारियों के वायरलेस पर दी गई। किसी भी हाल में बदमाश शहर से बाहर नहीं निकल पाएं, इसको लेकर सभी को अलर्ट किया गया।
स्वयं एसएसपी बाबूराम मात्र एक गार्ड के साथ काले रंग बिना नंबर की अपाचे बाइक से शहर में निकल पड़े। लहेरियासराय टावर, लहेरियासराय थाना, लोहिया चौक होते हुए ट्रैफिक थाना के पास पहुंचे। इस बीच उन्हें न तो कोई पकड़ सका और न ही पहचान पाया। हालांकि, इस बीच सड़क पर जाम दिखने पर उन्होंने अपनी पहचान बताते हुए पुलिस कर्मियों को जाम हटाने का निर्देश दिया। इसके बाद कोतवाली ओपी पहुंचे जहां पुलिस पदाधिकारी दिखे नहीं। आगे बढ़े मिर्जापुर में नगर थाने की पुलिस भी नजर नहीं आई। विश्वविद्यालय थाने को पार कर गए। कठहलबाड़ी में सीआइएटी दस्ते ने बाइक को देखते ही घेर लिया। चेहरा देखते ही जवान जय हिंद बोला। फिर
एसएसपी आम आदमी की तरह बाघ मोड़ से दिल्ली मोड़ पहुंचे। जहां सदर थाने के एक पुलिस पदाधिकारी आराम फरमाते नजर आए। उन्होंने बुलाकर कड़ी फटकार लगाई। इसी मार्ग से वापस होकर कटहलबाड़ी से दरभंगा स्टेशन पहुंचे। जहां चेकिग पोस्ट पर तैनात पुलिस कर्मी उन्हें नहीं पकड़ पाए। दोनार चौक पर काफी देर तक भीड़ को देखा आगे बढ़ने पर ट्रैफिक के एक पुलिस पदाधिकारी ने पीछे से काला बाइक कह हल्ला किया। लेकिन, तबतक एसएसपी काफी आगे बढ़ चुके थे। बेंता में कोई दिखा नहीं। एमएल एकेडमी के पास एक जवान बाइक देखते ही दौड़ पड़ा। पास आते ही चेहरा पहचान लिया और सैल्यूट किया। लहेरियासराय थाना से लोहिया चौक होते हुए एकमी पहुंच गए।
जहां बीच सड़क पुलिस गाड़ी लगाकर काफी दूर में पुलिस पदाधिकारी व पुलिस कर्मी चाय पी रहे थे। यह देखते ही उन्होंने सभी को बुलाया और ऑन द स्पाट सभी को निलंबित कर दिया। इसमें बहादुरपुर के सहायक दारोगा जीपी सिंह, सिपाही सुमन कुमारी, छाया कुमारी, आरती और विजय कुमार शामिल हैं। वापस होने लोहिया चौक पर थानाध्यक्ष एचएन सिंह ने बाइक को पकड़ने की कोशिश की। लेकिन, सामने एसएसपी को देख सकपका गए। इसके बाद एसएसपी अपने कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की तैयारी की परीक्षा ली गई। इसमें कई थाने की पुलिस सुस्त पाई गई। किसी के पास वायरलेस सेट नहीं पाया गया। जिसे गंभीरता से लिया गया है।
उसके बाद एसएसपी ने ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिस अधिकारी व थानाध्यक्ष को अपने कार्यालय के प्रांगण में बुलाया। वहां पर उन्होंने हरेक टीम की जानकारी ली। उन्होंने सीआईडी टीम में शामिल छापेमारी एवं पोस्ट पर तैनात पुलिस कर्मियों का अलग-अलग जायजा लिया। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि सीआईएटी टीम द्वारा भी वाहन चेकिंग की जा रही है। इसमें कागजात वगैरह की जांच भी की जा रही है। इस पर एसएसपी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सीआईएटी का मुख्य उद्देश्य अपराध नियंत्रण करना है। उन्हें अपराध नियंत्रण के दृष्टिकोण से वाहन चेकिंग करनी है। एसएसपी ने अपराध नियंत्रण के दृष्टिकोण से चेकिंग को लेकर पुलिसकर्मियों को कई टिप्स दिए।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले वैसे वाहनों को चेकिंग के लिए रोकना है, जिस पर ट्रिपल लोडिंग युवक जा रहे हैं। उसके बाद वैसे वाहनों को रोकना है जिस पर लफुआ टाइप का नवयुवक जा रहा है। अगर किसी गाड़ी पर महिला और बुजुर्ग सवार हैं तो उसे अनावश्यक नहीं रोकें। एसएसपी ने शहर में लग रहे जाम का भी पुलिस अधिकारियों से जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जिन जगहों पर अवैध पार्किंग की जा रही है वहां सख्त से सख्त कार्रवाई करें। अक्सर देखा जाता है कि केवल पांंच सौ रुपये का चालान काटकर वाहन चालक को छोड़ दिया जाता है। वैसे वाहनों के सभी कागजात को चेक कर फाइन काटना है।