राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं।
कोरोना का संक्रमण अब नए जिलों में होने की सूचनाएं हैं। विभिन्न प्रदेशों में फंसे राज्य के श्रमिकों को वापस घर पहुंचाने का कार्यक्रम शिथिल हो चला है। भाजपा सरकार की श्रमनीति से मालिकों को मनमानी करने और श्रमिकों का शोषण करने की खुली छूट मिलेगी।
अखिलेश ने रविवार को जारी एक बयान में कहा है कि हालात इतने खराब हो गए हैं कि इसके चलते महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग पैदल या साइकिल से ही निकल पड़े हैं। उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार देने और निवेश आकर्षित करने के नाम पर भाजपा सरकार जो कदम उठाने जा रही है उससे अशांति और अव्यवस्था को ही निमंत्रण मिलेगा। कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति में कौन निवेश करने आएगा? उत्तर प्रदेश सरकार ने अब जनता की आंखों में धूल झोंकने और अपनी नाकामयाबियों पर पर्दा डालने की तैयारी की है।
उन्होंने कहा कि नई श्रम नीति के कानूनों का पालन कराने के लिए कोई भी श्रम अधिकारी उद्योगों के दरवाजे तीन साल तक नहीं जाएगा। मालिक के कारखाने में श्रमिक को अब 12 घंटे काम करना होगा, जबकि उसके 8 घंटे के हिसाब से मजदूरी मिलेगी। मालिक के लिए श्रमिक को 4 घंटे बेगारी करनी होगी। अब मालिक को कानून से हर छूट और श्रमिक के शोषण करने की भी गारंटी रहेगी। दुनिया भर में श्रमिकों ने 8 घंटे काम की जो गारंटी अपने आंदोलनों से प्राप्त की थी, भाजपा उस पर काली स्याही पोत देगी।