पावर कॉरपोरेशन ने बिजली उपभोक्ताओं से अपील की
प्रधानमंत्री ने पांच अप्रैल को रात नौ बजे बिजली बंद करने की अपील की है
एक साथ बिजली सप्लाई बंद होने से ग्रिड फेल होने का डर
राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो।
पावर कॉरपोरेशन ने प्रदेशवासियों से पांच अप्रैल को रात नौ बजे बिजली के बल्ब और ट्यूबलाइट बंद करने से पहले फ्रिज और पंखा चालू करने की अपील की है। क्योंकि अचानक बिजली का लोड घटने से वोल्टेज बढ़ने और जनरेटिंग मशीनें ट्रिप हो सकती है, जिससे पावर ग्रिड फेल हो सकती है। प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घरों की लाइट बंद करने की अपील की है।
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इससे निपटने के लिए यूपी पावर ट्रांसमिशन, उत्पादन निगम और पावर कॉरपोरेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती विद्युत ग्रिड को बचाने की है। बिजली अभियंताओं के मुताबिक जब बिजली की मांग करीब शून्य हो जायेगी और ठीक नौ मिनट के बाद जब दोबारा रोशनी चालू होगी तब ग्रिड कैसे व्यवहार करेगा। यूपी स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर (एसएलडीसी) के निदेशक राम स्वारथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान का क्रियान्वयन करते समय लोग अपने घर के अन्य उपकरण जैसे पंखा, कूलर, फ्रिज आदि चालू रखें। ताकि ग्रिड पर लोड शून्य न हो जाये।
इसके अलावा दीया प्रज्वलन की अवधि के बाद घर के पूर्व चलित उपकरणों में से कुछ उपकरण बंद कर दें। घर में प्रकाश व्यवस्था के लिए लगे उपकरणों को एक-एक करके कुछ समय के अंतराल पर चालू करें। ताकि ग्रिड को बचाया जा सके।यूपी में तीन हजार लोड कम होगायूपी में एक साथ लाइट बंद होने से करीब तीन हजार मेगावाट विद्युत लोड कम होगा। पावर ट्रांसमिशन के निदेशक (ऑपरेशन) आरके सिंह ने सभी अभियंताओं को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये रविवार रात आठ बजे से दस बजे तक उपकेंद्रों तैनात रखने का निर्देश दिया।ग्रिड पर 30 प्रतिशत लोड कम हुआबिजली अभियंताओं के मुताबिक पिछले 20 दिनों में ग्रिड पर लोड लगभग 30 प्रतिशत कम हो गया है। ट्रैन, फैक्ट्री व बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है।

बिजली का स्टोरेज संभव नहीं है। जिस क्षण लोड कम होता है या बढ़ता है। उसी क्षण किसी न किसी पावर प्लांट में उतना लोड कम किया जाता है या बढ़ाया जाता है। देश में जो बिजली की सप्लाई हो रही है। उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा थर्मल प्लांट से आता है। थर्मल प्लांट की लोड कम करने की क्षमता सीमित होती है। वो अगर अपनी क्षमता के 60 प्रतिशत से कम लोड पर चलाया जाएं तो उनके स्थायित्व पर संकट आ जायेगा।