Breaking News

इटावा:सरकार की नीति पर्यावरण बचाने के लिए वृक्षारोपण स्कीम का खुला उपहास

डॉ.एस.बी.एस.चौहान,ब्यूरो इटावा

चकरनगर,इटावा।जहां एक तरफ सूबे की सरकार द्वारा पर्यावरण को सुंदर, आकर्षक, मनोहारी बनाने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और इसके साथ वृक्षारोपण कार्यक्रम भी बडे स्तर पर चलाया जा रहा है लेकिन क्या सुबे की सरकार को इस बात का पता है कि उनके जिम्मेदाराना अधिकारी उनकी योजनाओं को पलीता लगाने में कोई भी खोर कसर नहीं छोड रहे हैं। बेहिचक आंख बंद करके सब कुछ काला कबरा करने में लगे हुए हैं। कहीं कोई उनकी व्यवस्था को देखने वाला नहीं है और देखने के लिए उनके पास समय भी नहीं है। पिछले दिनों सरकार की मंशा के अनुरूप जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों, नेताओं ने यहां तक कि छुटभाइयों ने भी जगह जगह पर फोटो खिंचाने के लिए एक नहीं दर्जनों वृक्ष लगाएं और समोसा, पेड़ा, केला और ठंडा पीकर मौज मस्ती करते हुए चुपचाप चले गए। वृक्ष तो लगा दिया लेकिन उसकी ख्वाहिश किसे है? किसी ने फिर पीछे मुड़कर देखा भी नहीं कि जो पेड़ मैं बीते दिनों लगा कर आया क्या वह आज सुरक्षित है? आपको ऐसा ही एक नजरिया तहसील चकरनगर कंपाउंड में स्थापित एक जाली जो बिल्कुल गेट के पश्चिमाञ्चल खंबे से सटी हुई रखी है। जहां से होकर जिलाधिकारी महोदय तहसील दिवस में प्रवेश करते हैं मुख्य विकास अधिकारी भी प्रवेश करते हैं तमाम वन विभाग के अधिकारी भी वहां से प्रवेश लेते हैं लेकिन इस जाली की तरफ किसी ने झांक कर नहीं देखा कि यह जाली बिल्कुल सुनसान पड़ी हुई है एक सूखा पेड़ जो लगभग 6 इंच का जिसमें पानी ना डाले जाने के कारण या यूं कहें कि जिसकी कोई खास ख्वाहिश ना होने के कारण उस पेड़ की जिंदगी समाप्त हो गई और आज तक उस जगह पर दूसरा पेड़ स्थापित नहीं किया गया। हालांकि उस जगह को छोड़कर फोटो खिंचवाने के लिए सोशल मीडिया व अखबारों में पर्यावरण को बचाने के लिए दर्जनों पेड़ लगाकर सूबे की सरकार को प्रमाणित कर दिया कि मैं आप की मंशा के अनुरूप सारा कार्य कर रहा हूं।महीनों से देखा जा रहा है कि पर्यावरण का बचाव करने के लिए जो वृक्षों को रोपित किया जा रहा है उसका यह खुला मखौलिया प्रमाण है। यह सूखे हुए पेड़ के स्थान पर दूसरा जीवित पेड़ भी स्थापित किया जा सकता था लेकिन यह सब करने का समय किसके पास में है? कौन देखेगा इसे? सबसे बड़ी बात तो यह है यह कोई जंगल की जगह नहीं है। जहां पर अधिकारी की नजर ना पड़े लंबे आकार की जाली/ पेड़ सुरक्षा कवच जो तहसील के ऑफिसों में जाने के लिए और मुख्य रुप से उप जिलाधिकारी चकरनगर जब अपने डायज पर जाते हैं तो यही एक रास्ता है कि जहां से उनका आना-जाना दिन में कई बार होता है लेकिन उन्होंने इस जाली को यह नहीं देखा कि यह जाली बेवजह क्यों खड़ी हुई है इसका पौधा कहां चला गया अरे पौधे को कौन देखेगा तब तक कोई मुर्गा फांस कर सौदा तय कर ली जाएगी जिससे शौक सान के अन्य कार्य चलेंगे। संबंधित अधिकारी क्या इस जाली मैं सूख गए पेड़ को हटाकर कोई नया हरा पेड़ स्थापित करने की जहमत उठाएगा? यह तो अब देखने और समझने का विषय है।

Check Also

72 वर्ष की उम्र में सुशील मोदी का कैंसर से निधन, शोक की लहर

डेस्क। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है। दिल्ली …

लोकसभा चुनावों को देखते हुए चकरनगर में तैयारियां तेज हो गईं।

लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज पुलिस और पी ए सी बल के जवानों ने निकाला फ्लैग मार्च

चकरनगर /इटावा।लोकसभा चुनाव से पहले तैयारियां तेज, पुलिस और पी ए सी बल के जवानों …

जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप को बताया मरू धरा का महान योद्धा

दरभंगा। महाराणा प्रताप की जयंती पर जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने महाराणा प्रताप के जीवनवृत्त …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *