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बिहार :: मिथिला के देवता माने जाते है कवि कोकिल विद्यापति – डीआइजी

बेनीपट्टी/कन्हैया मिश्रा : मिथिला विभूतियों का भंडार है। बाबा विद्यापति, कालिदास, लोरिक,सल्हेस, दीना भद्री समेत कई ऐसे विभूति हुए,जिनका बखान सदियों तक होगा। बाबा विद्यापति के जीवन को जिस तरह से लेना चाहते है,ले सकते है।विद्यापति के हर दृष्टिकोण से समाज को प्रेरणा मिल रही है। छूआछूत,बेमेल विवाह, समाज में जागरुकता जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दो को बाबा विद्यापति उठाने का काम किया है। बाबा विद्यापति का प्रेम रस इतना मजबूत था कि बाबा भोलेनाथ स्वयं बाबा विद्यापति के पास उगना के रुप में अवतरित हुए। जिसके कारण मिथिला के लोग ही अन्य प्रांत के लोग भी बाबा विद्यापति को भगवान का दर्जा दिये है।ये बातें तिरहुत रेंज के डीआईजी अनिल कुमार सिंह ने बेनीपट्टी में आयोजित त्रिदिवसीय विद्यापति समारोह के पहले सत्र का विधिवत् उद्घाटन करते हुए कहा। बेनीपट्टी के श्री लीलाधर उच्च विद्यालय में मिथिलाचंल सर्वांगीण विकास संस्थान की ओर से आयोजित विद्यापति समारोह में पहुंचे डीआईजी ने कहा कि बाबा विद्यापति की चर्चा से ही भारतीयता की झलक देखने को मिलती है।मिथिला का बेनीपट्टी क्षेत्र काफी भाग्यषाली है कि यहां बाबा विद्यापति एवं कालिदास की जन्मस्थली है। यहां के हर चीज में बाबा विद्यापति रचे व बसे हुए है।विद्यापति समारोह के पहले सत्र की अध्यक्षता रामवरण राम ने किया।वहीं अनुमंडल पदाधिकारी मुकेष रंजन ने कहा कि मिथिला की संस्कृति विरासत में मिली है। इस संस्कृति की झलक हमें दूसरे प्रांत में देखने को मिलता है।यहां के लोगों को अपनी संस्कृति को सहेजने की आवष्यकता है।वहीं एसडीएम ने कहा कि बाबा विद्यापति व कालिदास की धरती पर कार्य करना सौभाग्य की बात है।वहीं डीएसपी ने कहा कि मैथिली व मिथिला की चर्चा तो बचपन से सुन रहा हूं, मिथिला के लोगों पर महान विभूतियों एवं देवताओं की विषेष कृपा रही है, यहां साक्षात सीता माता ने जन्म लिया है तो महान कवि विद्यापति अपने भक्ति रस से भगवान षिव को यहां आने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम से पूर्व संस्थान के अध्यक्ष अमरनाथ झा भोलन व संस्था के संरक्षक नंदजी ने डीआईजी अनिल कुमार सिंह को मिथिला की रीति-रिवाज के अनुसार पाग-दोपट्टा व माला देकर सम्मानित किया।उपरांत मंच पर उपस्थित बीडीओ डा. अभय कुमार, सीओ पुरेन्द्र कुमार सिंह सहित कई अन्य अधिकारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गायिका बबिता कुमारी के मंगलाचरण जय-जय भैरवि असूर भयाओनी से हुआ।डीआईजी अनिल कुमार सिंह ने बाबा विद्यापति के मूर्ति पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की विधिवत् उद्घाटन की। विद्यापति समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद कवि डा. विभूति आनंद, डा. चन्द्रमणि, डा. वंषीधर मिश्र, शैलेन्द्र आनंद, अक्षय आनंद सन्नी, अषोक मेहता, डा. दमन कुमार झा, चन्द्रमोहन पड़वा, आनंद मोहन झा जैसे कवियों ने उपस्थित दर्षकों को अपने कवि कौषल से देर रात तक झूमाते रहे ।कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सतीष साजन ने किया।वहीं संचालन अजित आजाद ने किया।देर रात धरोहर संस्कृति मंच के कलाकारों ने मिथिला वर्णन, जट-जटिन एवं छुआछुत पर कार्यक्रम किया। इस दौरान प्रो. योगानंद झा, सीपीआई नेता सह मुखिया कृपानंद झा आजाद, संतोष झा, डा.एमटी रेजा, पवन भारती, विकास झा, सोनू पाठक, रंधीर झा सहित कई लोग उपस्थित थे।

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