रामकिशोर रावत
माल,लखनऊ।पर्यावरण को संतुलित रखने के उद्देश्य से पोलोथिन पर लगाये गए प्रतिबन्ध ग्रामीण इलाके में नाकाफी साबित हो रहा है। जहाँ कस्बो से लेकर गांवों तक खुली दुकानों पर पोलोथिन का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। इतना ही नही बड़े दुकानदारो की दुकानों पर पोलोथिन का बड़ी मात्रा में भंडार किसी समय देखा जा सकता है।
लगातार बिगड़ रहे पर्यावरण संतुलन के मद्देनजर को देखते हुए राज्य सरकार ने पोलोथिन के प्रयोग पर पूरी तरह से पाबन्दी लगा दी है। लेकिन सरकार के इस प्रतिबंध का असर ग्रामीण इलाके में बेअसर साबित हो रहा है। सरकार के फरमान को कड़ाई से पालन कराने वाले जिम्मेदार खुद अपनी जिम्मेदारी से अभी तक बेख़बर है। परिणाम स्वरूप चाय वालो से लेकर सभी छोटे बड़े दुकानदार खुले आम सरकारी आदेशो की धज्जियां उड़ा रहे है। लेकिन स्थानीय जिम्मेदार इससे अभी भी बेखबर है। वही स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार पहले तो भविष्य में पर्यावरण को संतुलित बनाने में काफी कारगर साबित होगी। लेकिन पाबन्दी लगाने के पहले अपना विकल्प भी बाजार में उतारना था ।जबकि प्रदेश सरकार के आदेशों के बाद भी कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मां इलाके में दुकानदारों के यहां जांच करने की फुर्सत ही नहीं मिली वही संबंध में माल थाना अध्यक्ष अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि इस संबंध में थाने पर तो कोई आदेश आया ही नहीं आगर टीम द्वारा जांच की गई तो फिर देखा जाएगा। वही दुकानदारों मैं चर्चा का विषय बना हुआ है कि पॉलिथीन बंद करने का आदेश का असर सिर्फ बहुत ज्यादा 1 माह तक चलेगा उसके बाद फिर पहले जैसा ही रहेगा।