बेगूसरा , संवाददाता : सदर अस्पताल का अमानवीय चेहरा उस समय बेनकाब हो गया जब हत्या कर फेंकी गयी युवक की लाश की शिनाख्त नहीं होने पर उसका अंतिम संस्कार किये बगैर ही गंगा नदी के धारा में बहा दिया गया। बताया जाता है कि बीते दिनों साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र से एक युवक की लाश बरामद हुई थी जब लाश की पहचान नहीं हुई तो 72 घंटा बीत जाने पर सदर अस्पताल प्रबंधन ने पोस्टमार्टम रूम में रखे शव को ठेला पर लादकर सिमरिया गंगा घाट ठिकाने लगाने के लिए भेज दिया गया। लेकिन सदर अस्पताल से सिमरिया गंगा घाट ले जाने वाले ठेला चालक ने प्लास्टिक सीट में लपेट कर रखे शव को गंगा नदी के धार में फेंक दिया और फिर बांस से शव को गहरे पानी में ले गया। सदर अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही की पूरी तस्वीर किसी ने अपने मोबाईल में कैद कर असली चेहरा सामने लाने का काम किया जिसके बाद सिविल सर्जन ने दोषी के विरूद्ध कार्रवाई करने की बात कही। साथ ही बताया कि 72 घंटे के बाद अज्ञात शव के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम से कबीर अन्त्येष्टि योजना के तहत राशि दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग लाख अपनी बात रखे लेकिन एक बात तो जगजाहिर हो चूकी है कि यहां लावारिश लाश के साथ कैसा सलूक किया जाता है। गंगा नदी में बिना अंतिम संस्कार के शव को फेंकने वाले ठेला चालक ने बताया कि इस काम के लिए पांच सौ रूपये दिये जाते हैं। बताया जाता है कि सदर अस्पताल में लावारिश शव के साथ हमेशा इस तरह के अमानवीय व्यवहार किये जाते रहे हैं जिसका उदाहरण देखने को मिला गया है। सदर अस्पताल के इस रवैये से स्वास्थ्य विभाग की न पोल खुली है बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली बात सामने आयी है। जिससे लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है।
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