डेस्क : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है. राम रहीम को उम्रकैद से भी बड़ी सजा मिली है.
उम्रकैद में सामान्यत: दोषी को 14 साल के लिए जेल भेजा जाता है. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को उसकी करतूतों के लिए 20 साल जेल की सजा सुनाई है. रेप को दो मामलों में रामरहीम को 10-10 साल की जेल की सजा मिली है. इसके साथ ही 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जो पीड़िता को दिया जाएगा.
पंचकूला से जज जगदीप सिंह हेलीकॉप्टर से रोहतक पहुंचे थे. रोहतक जेल के अंदर बने कोर्ट रूम में उन्होंने दोनों पक्षों को बहस के लिए 10-10 मिनट का समय दिया था. अभियोजन पक्ष ने राम रहीम के लिए उम्रकैद की मांग की थी. बचाव पक्ष ने कहा कि राम रहीम समाज सेवी हैं. उन्होंन भलाई के काम किए हैं. इसका संज्ञान लेते हुए सजा में नरमी बरती जानी चाहिए.
साल 2002 में सामने आए इस केस में राम रहीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 511 और 506 धारा के तहत केस चल रहा था. 25 अगस्त को पंचकूला में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था. डेरा समर्थकों की हिंसा को देखते हुए इस बार सजा पर फैसले की सुनवाई के लिए रोहतक जेल में ही कोर्ट बनाया गया था.
गौरतलब है कि साल 2002 में डेरा आश्रम में रहने वाली एक साध्वी ने चिट्ठी के जरिए डेरा प्रमुख पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. कोर्ट के आदेश पर साल 2001 में सीबीआई को जांच सौंपी गई. साल 2007 में सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कोर्ट ने केस पर सुनवाई शुरू की थी.