अरवल : जनकपुर धाम स्थित शवदाह गृह निर्माण होने की बाद से बंद पड़ा है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने स्वच्छता अभियान के तहत जनकपुर धाम अरवल सोन नदी के किनारे लाखों रूपए के लागत से मुक्ति धाम शवदाह गृह का निर्माण कराया था। वर्तमान समय में यह शवदाह गृह शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। इस मुक्ति धाम में शवों को जलाने के लिए प्लेटफॉर्म का निर्माण कराया गया था। प्लेटफॉर्म पर लकड़ी रखकर शव को आसानी से जलाने की व्यवस्था की गई थी। इस शवदाह गृह में उच्च शक्ति के बोरिंग भी लगाए गए हैं। ताकि पानी के उच्च प्रवाह से जली हुई शव की राख आदि को बहाया जा सके। साथ हीं साथ चारो ओर से सौलर लाईट भी लगाई गई थी। लेकिन निर्माण के कुछ हीं दिन बाद उच्चकों ने यहाँ से सोलर लाईट में लगी हुई बैट्री चोरी कर ली। आज हालात यह है कि धीरे-धीरे लाईट वाली पोल भी गायब हो गया और इसके अंदर बड़े-बड़े पेड़ पौधे उग आए हैं। यहाँ जाने के लिए भी कोई जगह नहीं है। क्योंकि बंद पड़े मुक्ति धाम को चारो तरफ से अतिक्रमित कर लिया गया है। इसके परिसर में शव यात्रा में शामिल होने वाले लोगो को बैठने की व्यवस्था एवं स्नान करने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन आज इसके ऊपर जो करकट डाला गया था, वो भी उखड़ा हुआ है। विभागीय स्तर पर इसके संचालन की जिम्मेवारी एवं सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसका खामियाजा स्थानीय लोगो को भुगतना पड़ रहा है। जाड़ा, गर्मी और बरसात के दिनों में खुले आसमान के नीचे शवदाह गृह होने के बावजुद शव का दाह संस्कार सोन नदी के किनारे करना पड़ रहा है। सरकार के लाखों रूपए खर्च होने के बावजुद भी आजतक कोई भी पदाधिकारी को शायद याद नहीं है कि उनके जिले में कोई शवदाह गृह भी है।
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