चकरनगर:डॉ.एस.बी.एस. चौहान।
चकरनगर,इटावा।तहसील मुख्यालय से सटा हुआ लगा गल्ला गोदाम जहां पर प्रमुख अधिकारियों की देखरेख में चलती है खुली कालाबाजारी अधिकारी करते हैं औपचारिकता के नाम पर कार्यवाही का ड्रामा। तहसील मुख्यालय चकरनगर से चंद कदमों की दूरी पर सटा हुआ लगा सरकारी सस्ते गल्ले का गोदाम जहां पर लंबे समय से भ्रष्टाचारी का बोलबाला है। यहां पर भ्रष्टाचारी से संबंधित मीडिया के कैमरों में यहां के चित्र कैद कर समाचारों का प्रकाशन किया गया और भ्रष्टाचारी को रोके जाने से संबंधित कई बार स्थानीय नेताओं ने, पत्रकारों ने कई कदम उठाए लेकिन कार्यवाही के नाम पर स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली कहावत बनकर रह गई। पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी युवा शाखा के अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान ने गोदाम में हो रही आपाधापी की शिकायत तहसील स्तर के वरिष्ठ अधिकारी जो गहरी नींद में सोए हुए थे को जगा कर उन्हें अवगत कराया तो उप जिला अधिकारी चकरनगर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पिछले दिनों गोदाम को सीज कर लॉक कर दिए थे और गेट के खुलने का समय दिन सोमवार रखा गया था जिसकी लोगों को बेसब्री से इंतजारी थी। कैमरा में कैद एक फोटो से यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि गोदाम तो सीज की गई लेकिन उसकी देखरेख और हिफाजत की कोई भी कानूनी व्यवस्था सुदृण दिखाई नहीं दी। गोदाम पर किसी प्रकार का कोई फोर्स या सुरक्षाकर्मी दिखाई नहीं दिया हो सकता है कि कागजों की लिखापढ़ी में भले ही ड्यूटी दी जा रही हो ताले को कभी भी खुला जाना और उसके अंदर किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना स्वतंत्र था। वहां पर एक टीम जिला स्तर से आई जिसका दिशा निर्देशन जिलाधिकारी चकरनगर महोदय ने किया जब जांच की जा रही थी तो जांच के समय स्टाक रजिस्टर पर अक्षरों को मिटाने के लिए और उन्हें दबाने के लिए सफेदा लगा हुआ था तो यह सफ़ेदा पर शिकायतकर्ता सजक प्रहरी की रूप में शेखर सिंह चौहान ने आपत्ति उठाई जिसको उपस्थित मीडिया कर्मियों ने देखा तो मीडिया कर्मियों ने संज्ञान लेते हुए उपस्थित उप जिलाधिकारी चकरनगर से कहा की यह सफेदा आखिर क्यों लगाया गया इसका औचित्य क्या है क्या कमी थी जिसे मिटाने के लिए सही रूप में परिलक्षित करने के लिए इसका उपयोग किया गया तो इस पर जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया जिसके विरोध में उपस्थित मीडिया कर्मी यह सोच कर कि जांच की सिर्फ औपचारिकताएं पूरी हो रही है बाकी की धरातल पर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी और ना किए जाने की कोई ऐसी उम्मीद प्रतीत हो रही है क्योंकि ऐसी तो शिकायतों की जांच गोदाम से संबंधित कई बार की जा चुकी है लेकिन हकीकत में कोई ऐसी जांच नहीं आई कि जिस पर स्पष्ट रिपोर्ट लगकर संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई की गई हो। अपुष्ट सूत्रों की माने तो गोदाम के अंदर लगभग 500 से लेकर 600 तक बोरिया जो ओवर स्टॉक के रूप में मौजूद देखी गई इस संबंध में लोगों का मानना है कि गोदाम के पास दर्जनों की तादात में भ्रष्टाचार को बढ़ाने के उद्देश्य से दर्जनों दलाल चक्कर भरते रहते हैं और कुछ डीलरों से तो चुकती में गल्ला 5 से लेकर 10 बोरियों तक वहीं पर ब्लैकमेल कर रुका लिया जाता है उन बोरियों को स्टॉक से निल दिखाकर उस गोदाम के अंदर ही स्टॉक कर लिया जाता है जो बाद में ट्रकों के द्वारा माल सप्लाई किया जाता है। इस संबंध में इटावा से आए जांच अधिकारियों और खंड विकास अधिकारी चकरनगर तहसीलदार चकरनगर के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे लेकिन जांच न तो कोई बारीकी से की जा रही थी और जांच के परिणाम इंटरपोल की तरह पॉजिटिव भी दिखाई नहीं दे रहे थे इससे यह आभास हो रहा था कि जांच नहीं सिर्फ औपचारिकता पूरी कर मामले को दफना दिया जाएगा इस परिपेक्ष में शेखर सिंह चौहान मैं आरोप लगाते हुए यह कहा की इस भ्रष्टाचारी से संबंधित शिकायत को भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं को भी अवगत करा दिया गया जिसमें स्थानीय विधायक मौके पर आए और उनको भी यह मामला संज्ञान में दे दिया गया शेखर सिंह चौहान ने यह आरोप लगाते हुए कि यह जांच नहीं है यह सब फर्जीवाड़ा को बढ़ावा देने के लिए अधिकारी मिलीभगत कर अपनी नौटंकी कर रहे हैं और इस से मैं और क्षेत्रीय जनता या संबंधित शिकायतकर्ता बिल्कुल संतुष्ट नहीं है इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी इटावा श्रीमती सेल्वा कुमारी जे के पास जाकर पूरी समस्या से अवगत कराया जाएगा ताकि तहसील प्रशासन की मिली भगत भी उजागर हो सके और निष्पक्ष जांच हो और वह भी जांच गैर विभागीय हो जिसमें तहसील प्रशासन चकरनगर का भी कोई अधिकारी किसी भी मायने में शामिल न किया जाए।